 नई दिल्ली । केंद्र ने सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923, (ऑफिशल सीक्रेट्स एक्ट –1923) के प्रावधानों की जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिसके सदस्य गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और कानूनी मामलों के विभाग के सचिव हैं I गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने मंगलवार को लोक सभा में बताया कि इस समिति ने इस अधिनियम से जुड़े मामलों के विषय में विभिन्न हितधारकों के साथ विचार विमर्श किया है I उल्लेखनीय है कि एक विशेष अदालत ने 28 जुलाई को पेट्रोलियम मंत्रालय के दो पूर्व अधिकारियों को 35 वर्षों के बाद अधिनियम की अवहेलना के आरोपों से बरी कर दिया था I ये दोनों अधिकारी अब 75 वर्ष के हैं I यूपीए की सरकार में दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग (एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स कमिशन) ने इस अधिनियम को समाप्त करने की सलाह दी थी I परंतु सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया I समय समय पर इस अधिनियम को समाप्त करने के लिए मांगें उठ रही हैं I
नई दिल्ली । केंद्र ने सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923, (ऑफिशल सीक्रेट्स एक्ट –1923) के प्रावधानों की जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिसके सदस्य गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और कानूनी मामलों के विभाग के सचिव हैं I गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने मंगलवार को लोक सभा में बताया कि इस समिति ने इस अधिनियम से जुड़े मामलों के विषय में विभिन्न हितधारकों के साथ विचार विमर्श किया है I उल्लेखनीय है कि एक विशेष अदालत ने 28 जुलाई को पेट्रोलियम मंत्रालय के दो पूर्व अधिकारियों को 35 वर्षों के बाद अधिनियम की अवहेलना के आरोपों से बरी कर दिया था I ये दोनों अधिकारी अब 75 वर्ष के हैं I यूपीए की सरकार में दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग (एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स कमिशन) ने इस अधिनियम को समाप्त करने की सलाह दी थी I परंतु सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया I समय समय पर इस अधिनियम को समाप्त करने के लिए मांगें उठ रही हैं I
 
		
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