शहरों में रुके हुए विकास कार्यों को लेकर कैबिनेट बैठक में शहरों से जुड़े मंत्री स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से नाराज दिखे। उन्होंने शहरों में काम न होने का मुद्दा उस समय उठाया जब सिद्धू बैठक से जा चुके थे। मंत्री इस बात से नाराज थे कि शहरों में कोई काम नहीं हो रहा है, जबकि दो से तीन महीने बाद हमें वोट मांगने लोगों के पास जाना पड़ेगा। ऐसे में हम किस मुंह से वोट मांगेंगे।
कैबिनेट में यह मामला सबसे पहले उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा ने उठाया। उन्होंने कहा कि शहरों में एक ईंट भी नहीं लगी है। विकास के सभी काम अधूरे पड़े हैं। लुधियाना के मंत्री ने भी यह मामला उठाया और कहा कि काम न होने की वजह से लोगों में रोष बढ़ रहा है।
विधायकों की मीटिंग में भी उठा था मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हुई विधायकों की मीटिंग में भी शहरी विधायकों ने विकास कार्यों का मामला उठाया था। उस दिन भी सिद्धृू मीटिंग में नहीं थे लेकिन अगले दिन हुई मीटिंग में उन्होंने आरोपों को जवाब दिया था। सिद्धू ने कहा था कि विकास कार्यों के सिंगल टेंडर आए हैं, इसलिए इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर सीएम लिखित में आदेश कर दें तो वह सिंगल टेंडर पर काम अलॉट कर देंगे। आज एक बार फिर से यह मामला उठा।
सीवीसी के निर्देश के अनुसार सिंगल टेंडर देने का प्रावधान
विभागीय सूत्रों का कहना है कि चीफ विजिलेंस कमीशन की ओर से टेंडर देने के निर्देशों में सिंगल टेंडर देने का भी प्रावधान है। बशर्ते किसी काम का टेंडर देने के लिए बड़े समाचार पत्रों में इसका विज्ञापन देने के साथ ही टेंडर भरने के लिए पर्याप्त समय दिया गया हो। विभाग या समर्थ अधिकारी को यह भी लगे कि काम के लिए ज्यादा पैसा नहीं मांगा गया है तो सिंगल टेंडर पर भी काम दिया जा सकता है।
मंत्री बनते ही सिद्धू ने सिंगल टेंडर पर उठाया था सवाल
मंत्री बनते ही नवजोत सिंह सिद्धू ने पूर्व सरकार द्वारा सिंगल टेंडर पर दिए गए कार्यों पर सवाल उठाया था। आइएएस और पीसीएस अधिकारियों को कठघरे में खड़ा करते हुए सीएम से इनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। अब उन्हीं पर शहरों में होने वाले कामों के लिए सिंगल टेंडर देने का दबाव है।
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