नई दिल्ली। साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में बुधवार को सुबह बजे सीसीएस की बैठक शरू हुई और उसके बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुबह 10.30 बजे कैबिनेट की बैठक शुरु हुई। जिसमे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे बजट के आम बजट में विलय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। इससे 92 सालों से अलग रेल बजट पेश करने की परंपरा का अंत हो गया । रेलमंत्री सुरेश प्रभु आखिरी ऐसे रेलमंत्री हैं जिन्होंने रेल बजट को संसद में पेश किया।
कैबिनेट की इस बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि रेलवे की अपनी पहचान बरकरार रहेगी। लेकिन अगले साल से रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जाएगा। बजट में विभिन्न मंत्रालयों के खर्च को योजना और गैर-योजना बजट के तौर पर दिखाये जाने की व्यवस्था को भी समाप्त किये जाने का प्रस्ताव है। सरकार का इरादा समूची बजट प्रक्रिया को एक अप्रैल को नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरी करने का है, ताकि बजट प्रस्तावों को नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही अमल में लाया जा सके। यही वजह है कि बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया को समय से पहले शुरू किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसके आलावा कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार किया गया । जिसमे भारत का सुरक्षा मामल व कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले शामिल हैं साथ ही इसकी आगे की रणनीति पर भी चर्चा हुई।