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लखनऊ में डेंगू के बाद चिकनगुनिया का कहर, ऐसे करे रोकथाम ….

downloadलखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेंगू मलेरिया के बाद अब चिकनगुनिया ने दस्तक दे दी है। लखनऊ के सभी सरकारी अस्पतालों की इमर्जेन्सी और अन्य वार्डों में इन दिनों डेंगू और मलेरिया के मरीजों की भरमार है। वहीं इन बीमारियों का प्रकोप कम नहीं इसी बीच चिकनगुनिया के मरीज अस्पतालों में आने लगे हैं। प्रदेश में चिकनगुनिया ने दस्तक दे दिया है। मेरठ में दो मरीजों में इसकी पुष्टि हुई है। इसके अलावा नोएडा ल ग्रेटर नोएडा में इसके लक्षणों वाले संदिग्ध मरीज मिले है। हालाकि स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि नही की है। प्रदेश में सरकारी आकडों के मुताबिक अभी तक 250 डेगू मरीजों की पुष्टि हुई है यह अलग बात है निजी अस्पतालों में डेगू के मरीज लगातार बढते जा रहे है। आकडों के मुताबिक अब तक लखनऊ में डेंगू से 18 लोगों की जान जा चुकी हैं जबकि स्वास्थ्य महकमा मात्र दो मरीजों की मौत की पुष्टि कर रहा है।

क्या हैं चिकनगुनिया –

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग के डा. अविनाश ने बताया कि यह बीमारी भी उसी मच्छर के काटने से होती है, जो जीका और डेंगू के लिए जिम्मेदार है। चिकनगुनिया फैलाने वाला यह मच्छर जब किसी संक्रमित व्यक्ति या बंदर को काटता है तो उसकी लार में यह वायरस पहुंच जाता हैं। फिर यह संग्राहक मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति भी इस रोग का शिकार बन जाता हैं। एक बार इस रोग से पीड़ित होने पर अगले 7 से 10 दिन तक व्यक्ति सक्रामक अर्थात रोग फैलाने की क्षमता रखता हैं।

चिकनगुनिया के लक्षण-

चिकनगुनिया के लक्षण ठण्ड लगकर तेज बुखार आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्दजोड़ो में तेज दर्दजोड़ों में सूजन और विकृतिजी मचलना, भूख कम लगना कमजोरी आना शरीर पर चकत्ते निकलना चिकनगुनिया का इलाज इस बीमारी के लिए कोई भी औषधी, टीका या इलाज नहीं है।

चिकनगुनिया का कैसे और क्या करे इलाज –

चिकनगुनिया के विषाणु शरीर के अंदर नष्ट करने के लिए कोई विशेष दवा या वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। इस बीमारी में डॉक्टर जोड़ो एवं अन्य दर्द के लिए दर्दनाशक दवा देते हैं। चिकनगुनिया का मच्छर पूरा दिन सक्रिय रहता है। चिकनगुनिया में रोगी को ज्यादा आराम की जरूरत होती है और पर्याप्त मात्रा में आहार और पेय पदार्थ लेना चाहिए। पेय पदार्थ को ज्यादा से ज्यादा अपने आहार में शामिल करें। मच्छरों द्वारा काटे जाने से बचें, क्योंकि मच्छर आपको काटने के बाद आपके शरीर का इंफेक्शन दूसरे व्यक्ति के शरीर में संक्रमित कर सकता है। बुखार और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आप पैरासिटामॉल ले सकते हैं।

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