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लखनऊ में रचा इतिहास, 8 सीटों पर खिला कमल, मलिहाबाद पर फिर सपा का कब्जा

लखनऊ। विधानसभा चुनाव में लखनऊ भाजपा ने इतिहास रच गया। जिले की नौ विधानसभा सीटों में से आठ सीटों पर कमल खिला। नौवी सीट पर भाजपा ने पूर्व मंत्री व बीएस-फोर प्रत्याशी आरके चौधरी को समर्थन दिया था।

दिलचस्प यह है कि जिले की दो सीटों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के परिवार को भारी शिकस्त मिली। मुलायम की छोटी बहु अर्पणा को और भतीजे अनुराग यादव को भी भारी शिकस्त मिली।

राम लहर के बाद भाजपा को जिले में सबसे बड़ी जीत हासिल हुई है। हालांकि मोहनलालगंज में अम्बरीश सिंह पुष्कर ने जीत दर्ज कर सपा की लाज बचाई। सपा ने मोहनलालगंज सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।

भाजपा को लखनऊ की सीटों पर अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। पार्टी को राम लहर में भी जिले में जितनी सफलता नहीं मिली, उससे अधिक इस बार सबसे ज्यादा सीटें मिली। राम लहर में भाजपा को सात सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि उस वक्त जिले में आठ विधानसभा सीट हुआ करती थी।

लखनऊ कैंट से अर्पणा यादव को डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और अनुराग यादव को स्वाति सिंह से बड़े अंतरों से शिकस्त का मुंह देखना पड़ा। हालांकि मोहनलालगंज में ही सिर्फ सपा की लाज बच सकी। इस सीट पर सपा का कब्जा बरकरार रहा। यहां से सपा प्रत्याशी अम्बरीश सिंह पुष्कर अपने निकटम प्रतिद्वंदी बसपा के राम बहादुर मौर्या से 530 मतों से जीत हासिल की।

सपा के अम्बरीश पुष्कर को 71,574 मत मिले। वहीं बसपा के राम बहादुर मौर्या को 71,044 मत मिले। मोहनलालगंज, बीकेटी को छोड़ सात विधानसभा क्षेत्रों में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे।

लखनऊ पूर्व से सबसे बड़ी जीत भाजपा के आशुतोष टंडन उर्फ गोपाज टंडन ने हासिल की। मलिहाबाद से भाजपा की जयदेवी, बीकेटी से भाजपा के अविनाश त्रिवेदी, लखनऊ पश्चिम से सुरेश श्रीवास्तव, उत्तर से डॉ. नीरज बोरा, मध्य से ब्रजेश पाठक ने जीत दर्ज की।
चौथी बार चुने गए सुरेश श्रीवास्तव
लखनऊ से चौथी बार सुरेश श्रीवास्तव विधायक चुने गए। लखनऊ पश्चिम से भाजपा प्रत्याशी सुरेश श्रीवास्तव ने इस बार सपा के मोहम्मद रेहान नईम को चुनाव हरा कर सीट पर कब्जा किया।

इससे पूर्व परिसीमन से पहले वह जिले की मध्य विधानसभा सीट से तीन बार भाजपा के टिकट से विधायक रह चुके है। परिसीमन के बदलने के बाद वह वर्ष 2012 में सपा के मोहम्मद रेहान से चुनाव हार गए थे। इस बार जीत के साथ ही सुरेश श्रीवास्तव ने अपनी बदला चुकता कर लिया।

पहली बार सरोजनी नगर में खिला कमल

लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट पर पहली बार कमल खिला। आजादी के बाद से अब तक हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा व जनसंघ का खाता भी इस सीट पर नहीं खुला था। भाजपा ने अंतिम छड़ों में इस सीट पर स्वाति सिंह को प्रत्याशी बनाया था। भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर के मायावती पर टिप्पणी किए जाने के बाद सुर्खियों में आई स्वाति सिंह को भाजपा ने महिला र्मोचा की पदाधिकारी बनाया था। स्वाति सिंह ने इस प्रकरण के बाद मायावती पर तीखे हमले किए थे। भाजपा ने स्वाति सिंह को प्रत्याशी बनाया था। वहीं सपा ने मुलायम सिंह यादव के भतीजे अनुराग यादव को मैदान में उतारा था। वहीं बसपा ने अपने पुराने प्रत्याशी शिव शंकर सिंह शंकरी पर दांव खेला था। स्वाति सिंह ने सपा प्रत्याशी को 34,047 मतों से हराया। स्वाति सिंह को 1,08,176 मत मिले। वहीं सपा के अनुराग यादव 74,129 मत पाकर दूसरे और बसपा प्रत्याशी 71,791 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे।

गोपाल टंडन को मिली सबसे बड़ी जीत

लखनऊ पूर्व से भाजपा प्रत्याशी ने जिले में सबसे बड़े अंतरों से जीत हासिल की। उपचुनाव में गोपाल टंडन ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। इस बार भी पार्टी ने इस सीट से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल जी टंडन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अनुराग भदौरिया को 79,230 मत से हरा कर जीत दर्ज की। गोपाल टंडन ने 1,35,167 मतों से जीत हासिल की। गंठबंधन के कांग्रेस अनुराग भदौरिया को 55,937 मत मिले।

इन्हें मिली जीत
मलिहाबाद
प्रत्याशी-पार्टी मिले मत
जयदेवी-भाजपा 94677
राजबाला-सपा 72009
सत्य कुमार गौतम-बसपा 53481

बीकेटी
लखनऊ पूर्व
प्रत्याशी-पार्टी मिले मत
गोपाल टंडन-भाजपा 135167
अनुराग भदौरिया-कांग्रेस 55937
सरोज शुक्ला-बसपा 31,390

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