
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि लोकतंत्र में विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता होती है और दूसरे देशों की अपेक्षा भारत में यह कहीं ज्यादा है। इस प्रकार की चर्चाओं से निकलने वाले परिणाम अंत में नगारिकों के लिए ही फलदायी साबित होते हैं। यह बातें श्री मुखर्जी ने शुक्रवार को यहां उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी की किताब ‘सिटीजन एंड सोसायटी’ का लोकार्पण करते हुए कही। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। श्री अंसारी की इस किताब में उनके व्याख्यानों का संग्रह है, जिसमें समाज में महिलाओं की भूमिका का वर्णन है।
इस मौके पर राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि जब श्री अंसारी ने पहली बार उपराष्ट्रपति पद का शपथ ग्रहण किया तो मीडिया ने उनसे पूछा था कि क्या वह ‘अराजनैतिक’ है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी नागरिक अराजनैतिक नहीं है क्योंकि एक नागरिक की परिभाषा ही है कि वह सार्वजनिक मामलों में रुचि लें। राष्ट्रपति ने कहा कि किताब का विषय भी यही है जो हमें एक नागरिक के रूप में हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमे गर्व होना चाहिए कि हम ऐसे देश में है जहां सैकडों भाषाएं, विभिन्न धर्मों और मतों के लोग सद्भाव के साथ रहते है। इसमें देश के सभी नागरिकों ने योगदान दिया है। उन्होंने इस किताब के माध्यम से आने वाले पीढ़ियों के लिए अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए उपराष्ट्रपति को बधाई दी।
किताब के बारे में श्री अंसारी ने बताया कि इस किताब में राजनीति, सुरक्षा और सशक्तिकरण पर आधारित उनके व्याख्यानों का संग्रह है। इसके माध्यम से उन्होंने भारत के सामने उभरती चुनौतियों की पहचान करने की कोशिश की है।
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