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वाराणसी हादसे में दो और अफसर हुए निलंबित…

योगी सरकार ने पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में फ्लाईओवर हादसे में दो और अफसरों को शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया। इसमें पूर्व मुख्य परियोजना प्रबंधक गेंदा लाल और अवर अभियंता राजेश पाल शामिल हैं। इस मामले में अब तक 6 अफसर निलंबित हो चुके हैं।

अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को बृहस्पतिवार को सौंपी रिपोर्ट में निवर्तमान प्रबंध निदेशक राजन मित्तल समेत 7 अफसरों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी।

इनमें मुख्य परियोजना प्रबंधक एचसी तिवारी, पूर्व परियोजना प्रबंधक केआर सूद , सहायक अभियंता राजेंद्र सिंह, अवर अभियंता लाल चंद पहले ही निलंबित हो चुके हैं। वहीं, मित्तल को रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार ने हटा दिया था।

राजन मित्तल को निर्माण निगम से न हटाने पर उठ रहे सवाल

दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश के बावजूद सेतु निगम के एमडी पद से हटाए गए राजन मित्तल अभी भी राजकीय निर्माण निगम के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक बने हुए हैं। उनको न हटाने पर शासन की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे भी राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक का पद प्रमुख अभियंता स्तर का है, जबकि मित्तल इससे दो पायदान नीचे मुख्य अभियंता स्तर-2 हैं।
मित्तल सपा सरकार में भी एक जून 2014 से 20 अगस्त 2015 तक सेतु निगम के एमडी थे। वे तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवपाल सिंह यादव के खास माने जाते थे। हालांकि सपा राज में ही उन्हें हटा दिया गया था। नई सरकार ने 11 जुलाई 2017 को फिर से यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी।

आगरा में तैनाती के दौरान उन पर चहेते ठेकेदारों को काम देने के आरोप भी लगे। बलिया में भी उनके खिलाफ अनियमितताएं की शिकायतें हुईं। हालांकि, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि उन पर आरोप साबित नहीं हो सके।

अफसरों, कर्मियों से लेकर ठेकेदार तक पर गैर इरादतन हत्या का दर्ज है केस

फ्लाईओवर बना रहे सेतु निगम के अफसरों, कर्मचारियों, पर्यवेक्षण अधिकारी और ठेकेदार व उसके कर्मचारियों पर गैर इरादतन हत्या और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, इसलिए पर्यवेक्षण अधिकारी के रूप में मुख्य परियोजना प्रबंधक और एमडी स्तर तक के अधिकारी पुलिस तफ्तीश के दायरे में आ गए हैं।
हादसे के जिम्मेदार अफसर जल्द जाएंगे जेल
सरकार ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वो जल्द से जल्द जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करे ताकि गैर इरादतन हत्या के आरोपी अफसरों को जेल भेजा जा सके। पुलिस की तफ्तीश के दायरे में सेतु निगम के हटाए गए परियोजना प्रबंधक से लेकर प्रबंध निदेशक तक को रखा गया है।  शासन के एक अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध के साथ बताया कि उच्च स्तर पर जितनी गंभीरता से इस मामले को लिया जा रहा है, जल्द ही ये सभी अधिकारी सलाखों के पीछे होंगे।
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