लखनऊ। सपा से निकाले गए राजधानी
पर जेल प्रशासन ने भी शिकंजा कस दिया है। जेल प्रशासन के अधिकारी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को किसी तरह की कोई अतिरिक्त सुविधाएं देना तो दूर की बात आगंतुकों से मुलाकात तक कराने से बच रहे है। जेल अधिकारी एक बंदी की सप्ताह में दो मुलाकात होने का हवाला देकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के समर्थकों को बैरंग वापस कर रहे हैं।बीते दिनों चिनहट के बाघामऊ में जमीन कब्जे के विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो गई। इसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर यादव समेत करीब 150 समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसके तहत पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को पुलिस ने गिरपतार कर जेल भेज दिया। घटना से नाराज समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उपद्रव करने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर यादव एवं उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष माया यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी से निष्कासित होने की सूचना सार्वजनिक होते ही जेल प्रशासन ने भी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पर शिकंजा कस दिया। इसकी वजह से उनके सैकड़ो समर्थकों को प्रतिदिन बैगर मुलाकात किए ही बैरंग वापस जाना पड़ रहा है। बुधवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर से मुलाकात करने गए जिला समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों ने बताया कि जेल प्रशासन ने एक बंदी की सप्ताह में दो दिन मुलाकात कराई जाती है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष की शुक्रवार को जेल में आमद हुई। शनिवार को जेल में साप्ताहिक अवकाश होने की वजह से मुलाकात नहीं कराई जाती है। रविवार और सोमवार को उनकी उनके समर्थकों से नियमानुसार मुलाकात कराई गई। अब उनकी मुलाकात अगले सप्ताह की हो पाएगी। यह हवाला देकर उन्हें वापस कर दिया गया।
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