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शादी के बाद महिलाएं सिंदूर से क्यों भरती हैं मांग, धार्मिक या वैज्ञानिक कारण, जानिए

हिंदू धर्म में स्त्रियों का मांग में सिंदूर सजाना सुहागिन होने का और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। सुहागन के 16 श्रृंगार में एक सिंदूर उसके अखंड सुहागन होने की निशानी होती है। कहा जाता है मांग में सिंदूर भरने से पति की आयु बढ़ती है और स्त्री के सौभाग्य में वृद्धि होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है मांग में सिंदूर लगाने का प्रचलन कहां से आया और इसका धार्मिक या वैज्ञानिक कारण क्या है। आइए जानते हैं मांग में सिंदूर होने का क्या महत्व है….

यह है धार्मिक महत्व

 

सिंदूर लगाने की प्रथा हिन्दू धर्म में बहुत समय से चली आ रही है और इसका उल्लेख रामायण काल में मिलता है। कहा जाता है माता सीता रोज श्रृंगार में मांग में सिंदूर भरती थीं। एक बार हनुमानजी ने माता सीता से पूछा आप सिंदूर क्यों लगाती हैं तो माता ने बताया इससे भगवान राम को प्रसन्नता मिलती है। प्रसन्न होने से शरीर स्वस्थ रहता है और स्वस्थ होने से व्यक्ति की आयु भी बढ़ती है।

दांपत्य जीवन रहता है मजबूत

 

मान्यताओं के अनुसार, यदि पत्नी के बीच मांग सिंदूर लगा हुआ है तो उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है। सिंदूर उसके पति को संकट से बचाता है। हिंदू धर्म में नवरात्र और दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारके दौरान पति के द्वार अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर लगाना काफी शुभ माना जाता है। पती-पत्नी के बीच हमेशा मजूबत संबंध बना रहता है।

सिंदूर में होती है माता पार्वती की ऊर्जा

 

सामुद्रिक शास्त्र में अभागिनी स्त्री के दोष निवारण के लिए मांग में सिंदूर लगाने की सलाह दी जाती है। इससे सुहागन स्त्री के सौन्दर्य में भी वृद्धि होती है। पौराणिक कथाओं में सिंदूर के लाल रंग के माध्यम से माता सति और पार्वती की ऊर्जा का व्यक्त किया गया है। बताया जाता है सिंदूर लगाने से माता पार्वती अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती हैं।

घर में बनी रहती है सुख-शांति

 

माता लक्ष्मी के सम्मान का प्रतीक भी सिंदूर माना जाता है और माता को सिंदूर बहुत प्रिय है। माता लक्ष्मी की पूजा में सिंदूर का ही प्रयोग किया जाता है। ऐसा पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि माता लक्ष्मी पृथ्वी पर पांच स्थानों पर रहती हैं। जिसमें पहला स्थान स्त्री का सिर है, जहां पर वह सिंदूर लगाती हैं। इससे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। इसलिए महिलाओं देवी माना गया है और उनके अपमान ना करने के लिए कहा जाता है।

यह है वैज्ञानिक कारण

 

माना जाता है पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का यह स्थान अधिक संवेदनशील और कोमल होता है। सिंदूर में पारा धातु पाया जाता है, जिससे शरीर पर लगाने से विधुत ऊर्जा नियंत्रण होती है। इससे नकारात्मक शक्ति आपसे दूर रहती है। साथ ही सिंदूर लगाने से सिर में दर्द, अनिद्रा और अन्य मस्तिष्क से जुड़े रोग भी दूर होते हैं। विज्ञान के अनुसार, भी महिलाओं को विवाह के बाद सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए।

चेहरे पर नहीं दिखती झुर्रियां

 

सिंदूर में पारा होने से चेहरे पर जल्दी झुर्रियां भी नहीं पड़तीं यानी सिंदूर लगाने से महिलाओं के चेहरे पर बढ़ती उम्र के संकेत दिखते। उनका चेहरा खूबसूरत नजर आता है। इससे महिलाओं की उम्र भी बढ़ती है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी महिलाओँ को सिंदूर लगाना लाभकारी होता है।

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