शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की उपासना के शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो रहे हैं। शास्त्रों के जानकारों के मुताबिक बुधवार को चित्रा नक्षत्र में मां जगदंबे नाव पर सवार होकर आएंगी। मंगलवार को मंदिरों में सजावट की गई। नवरात्र की तैयारियों को लेकर बाजारों में भी रौनक दिखी। पूजन सामग्री की खरीदारी की गई।
शारदीय नवरात्र के शुभारंभ के पहले दिन बुधवार को घट स्थापना की जाएगी। नवरात्र की अष्टमी 17 अक्तूबर को और नवमी 18 को मनाई जाएगी। शास्त्री उमाकांत अवस्थी ने बताया कि पवित्र स्थान की मिट्टी से वेदी बनाकर उसमें जौ और गेहूं बोएं। फिर उन पर कलश को विधिपूर्वक स्थापित करें। कलश के ऊपर मूर्ति की प्रतिष्ठा करने का विधान है। मूर्ति न हो तो कलश के पीछे स्वास्तिक और उसके दोनों कोनों में दुर्गाजी का चित्र, पुस्तक व शालीग्राम को विराजित कर भगवान विष्णु का पूजन कर दें।
घट स्थापना का यह रहेगा मुहूर्त
शास्त्रों के जानकारों की माने तो 10 अक्तूबर को घट स्थापना के लिए ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 39 मिनट से सात बजकर 25 मिनट तक श्रेष्ठ रहेगा। इसके बाद सात बजकर 26 मिनट से द्वितीया तिथि का प्रारंभ बताया जा रहा है। वैसे दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना की जा सकती है।
कलश स्थापना में यह रखें ध्यान
ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व में मां की मूर्ति और कलश की स्थापना करें
यदि अखंड ज्योति जलानी हो तो उसे आग्नेय कोण यानी पूर्व दक्षिण में रखा जाए
पूजन करते समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रखा जाए