शिवसेना के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल शिअद ने भी भाजपा को आंखें दिखाई हैं। शिअद सांसद चंदूमाजरा ने केंद्र सरकार की तरफ से किसानों की उपेक्षा किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही एक ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि किसानों से संबंधित नीतियों पर पुनर्विचार करना होगा।
विधानसभा के नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद चंदूमाजरा ने कहा कि परिणामों से साफ जाहिर है कि हार में किसानों की नाराजगी ने बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू नहीं करवाया गया है। प्रधानमंत्री को इस पर राज्य सरकारों के साथ मिलकर पुनर्विचार करना होगा।
चंदूमाजरा ने कहा कि किसानों की फसली बीमा योजना भी अच्छी नीयत के साथ बनी थी, लेकिन इसका लाभ किसानों को न मिलकर कंपनियों को मिला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की नीयत ठीक है, लेकिन नीति में कमी है जिसमें सुधार की जरूरत है।
योजनाओं से नाराजगी के बारे में उन्होंने बताया कि किसानों की कर्ज माफी के बारे में केंद्र सरकार को राज्यों के साथ मिलकर योजनाएं चलानी होंगी। उन्होंने कहा कि किसान संकट में हैं जब केंद्र सरकार इंडस्ट्री और कारपोरेट घरानों को कर्ज माफी और राहत दे सकती है तो किसानों के साथ ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है। चंदूमाजरा ने कहा कि किसान जिस संकट में फंसे हुए हैं उन्हें कर्ज से मुक्त किए बिना यह संकट टलने वाला नहीं है।
चंदूमाजरा ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए आशा योजना चलाई थी उसमें राज्य सरकारों ने फार्म ही नहीं भरे और किसानों तक इसका लाभ ही नहीं पहुंचा। नतीजतन किसानों अपनी फसलें लाभप्रद मूल्य न मिलने के कारण सड़कों पर फेंकनी पड़ीं।
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