श्रीनगर। श्रीनगर सहित कश्मीर घाटी के कई इलाकों में शुक्रवार को जुमा नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पों में सुरक्षाकर्मियों सहित दर्जनों लोग घायल हो गए।
इस दौरान अलगाववादियों द्वारा आहूत ‘बडग़ाम चलो’ मार्च को प्रशासन ने नाकाम कर दिया। प्रशासन ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए बडग़ाम और श्रीनगर के कुछ इलाकों में प्रतिबंध लगा दिए।
वहीं, हुरियत कांफ्रैंस के दोनो गुटों के प्रमुखों सैयद अली शाह गिलानी और मीरवायज उमर फारुक को नजरबंद कर दिया गया। जेकेएलएफ यासीन मलिक को पहले से हिरासत में ले लिया गया है।
जानकारी के अनुसार बारामुला जिला के सोपोर कस्बे में आज जुमा नमाज के बाद हजारों लोगों ने रैली निकाली जिसके दौरान आजादी समर्थक और भारत विरोधी नारेबाजी की गई।
इस दौरान शहर के द्वार पर तैनात सुरक्षाबलों ने रैली को रोक दिया जिसपर गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पत्थराव करना शुरु कर दिया।
प्रदर्शनकारियों को खदेडऩे के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गेस का इस्तेमाल किया। जिला के हाइगाम सोपोर इलाके में भी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों का अनुभव किया गया।
प्रदर्शनकारिनों ने आजादी समर्थक और देश विरोधी नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों को खदेडऩे के लिए पुलिस व सी.आर.पी.एफ. ने आंसू गेस और पेलेट का इस्तेमाल किया। इस तरह के प्रदर्शनों का सोपोर कस्बे के बोटिंगु इलाके में भी अनुभव किया गया।
किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन ने पुलिस और अद्र्धसैनिक बलों के अलावा जिला के संवेदनशील इलाकों में सेना को तैनात कर दिया था।
बडग़ाम जिला के ददवुन इलाके में जुमा नमाज के बाद लोगों ने – अप्रैल को सुरक्षाबलों की कथित फाइरिंग में मारे गए आमिर मंजूर रेशरेय नामक युवक के घर की ओर मार्च करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
श्रीनगर के नटीपुरा इलाके में पुराने आर.टी.ओ. कार्यालय के पास युवकोंं ने सुरक्षाबलों पर पत्थराव किया। प्रदर्शनकारियों को खदेडऩे के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गेस का इस्तेमाल किया। दोनो पक्षों के बीच झड़पें हुई।
सुरक्षा के थे कड़े प्रबंध
इससे पहले घाटी में एक बार फिर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भडकऩे की आशंकाओं के मद्देनजर श्रीनगर समेत घाटी के कई इलाकों में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है।
श्रीनगर के निचले इलाकों के कई थाना क्षेत्रों में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है। घाटी के कई इलाकों में हिंसा की आशंकाओं के बीच आम जनजीवन प्रभावित है।
अलगाववादियों पर कड़ी नजर
हिंसा भडक़ाने की आशंका और प्रदर्शनों के मद्देनजर अलगाववदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, साथ ही श्रीनगर समेत घाटी के अन्य जिलों के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती करके कानून व्यवस्था को बिगडऩे न देने के इंतजाम किए जा रहे हैं।
गिलानी, मीरवायज और मलिक के संयुक्त नेतृत्व ने आज लोगों से बडग़ाम की ओर मार्च करने की अपील की थी। गत 9 अप्रैल को बडग़ाम में उपचुनावों के दौरान हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। अलगाववादियों ने यहां रैली आयोजित करने की योजना बनाई थी।