लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रान्त संघचालक प्रभु नारायण श्रीवास्तव ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि श्रीराम मंदिर कोई एजेण्डा नहीं है, वह आस्था का केन्द्र है। जहां तक बनने-न-बनने का सवाल है, यह देश का सन्त समाज तय करेगा।
उन्होंने कहा कि देश में श्रीराम मन्दिर समेत कई मामले ऐसे हैं, जिसे समाज संघ का मानता है, लेकिन सच्चाई यह है कि संघ कुछ नहीं करता समाज सबकुछ करता है। जो भी कार्य देशहित में होगा, उसे संघ अपना मानते हुए पीछे से जो सहयोग हो सकता है, उसे हम करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर संतो व जनता का आन्दोलन है, हम उनके साथ हैं। बताया कि संघ का एकमात्र कार्य देशवासियों में राष्ट्र प्रेम व एकात्मभाव जागृत करना है।
श्रीराम मंदिर के मामले में पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल पर कहा कि राम मन्दिर आन्दोलन विश्व हिन्दू परिषद की ओर से नहीं चलाया गया, इस देश के संन्तों का मार्गदर्शन मण्डल ने तय किया था। अगर मंदिर मामले को लेकर संन्त समाज तय करता है, हम उनके साथ हैं। हम भी चाहते हैं कि श्रीराम मन्दिर जल्द से जल्द उनके जन्म स्थल पर बने।
अवध प्रान्त के प्रान्त संघचालक प्रभु नारायण ने तेलंगाना प्रान्त के भाग्य नगर में 23 से 25 अक्टूबर, 2016 तक अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल बैठक में पास हुए प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए बताया कि उस बैठक मेें दो प्रस्ताव पारित हुए।
एक प्रस्ताव में केरल में माक्र्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी द्वारा संघ स्वयंसेवकों की हो रही हत्या पर चिंता जतायी गई। कहा कि 1942 से लेकर अब तक 250 स्वयंसेवकों की माकपा कार्यकर्ताओं ने हत्या की। श्री प्रभु ने कहा कि माकपा के लोग, हिंसक, लोकतंत्र विरोधी, असहिष्णुता व अधिनायक मनोवृत्ति के पोषक हैं। इनके नजरिये में दूसरे विचारधारा के लोग दोयम दर्जे के हैं। कहा कि केरल में संघ कार्यकर्ताओं की हत्या चिंताजनक है। उन्होंने केरल की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वहां की जनता का संघ के प्रति प्यार व सम्मान अद्वितीय है।
पत्रकारों के पूछ एक सवाल पर कहा कि मुस्लिमों महिलाओं का तलाक का मामला गंभीर है, इसेे संघ सही नहीं मानता। संघ का स्पष्ट मानना है कि लिंग के आधार पर किसी भी समुदाय की महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस मौके पर अवध प्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह नरेन्द्र कुमार ने बताया कि दूसरा प्रस्ताव पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद दर्शन पर पारित हुआ। कहा कि संघ का मानना है कि दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान भारत के पास है।