सिद्धार्थनगर। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वक्ष भारत मिशन को सफल बनाने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने संत निरंकारी मिशन को पत्र लिखकर अपना सहयोग देने के लिए कहा है। आज यह निशान एक पौधा से बृक्ष बन कर पूरे विश्व के लोगो को छाया प्रदान कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने शांति का नोबेल पुरस्कार निरंकारी निशान को दिया है।
उक्त बातें रविवार को शहर के उत्तमा इंडेन गैस एजेंसी के ऑफिस पर आयोजित सत्संग को संबोधित करते हुए नेपाल से आये ज्ञान प्रचारक कृष्ण कन्हैया पाठक ने कही मिशन के परम्परा के अपने बीच के किसी भी महात्मा को अपना गुरु मानते है।
हमारे बीच तमाम आध्यात्मिक संस्थाय है जो अपने गुरु के फोटो को रखकर पूजा, इबादत करते है। सभी मजहबो/धर्मो के पंडित ने एक मत में कहा है, ईश्वर एक है तो फिर हम अलग-अलग होकर क्यों लड़ते, झगड़ते है, एक दूसरे का खून खराबा करते है। सूर्य एक है सबको एक सामान रौशनी भी देता है, इसी प्रकार धरती भी एक ही है।
परमात्मा को न जानने वाले ही लड़ते है। संत हमेशा परमार्थी होता है जो लोगो को भला करने का कार्य करता है। पूरी दुनिया को मिशन एकत्व का संदेश दे रहा है जिसने आध्यात्मिकता का बोध होता है। अमन और शांति के लिए दीवाल नही प्रेम होना चाहिए, निरंकारी बाबा दिवलो को गिरा कर प्रेम का शंदेश देने का कार्य कर रहे है।
एक ही भक्त पुरे परिवार को सुखी कर सकता है। कार्यक्रम का संचालन बृजमोहन ने किया इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉक्टर राजा राम यादव, घनश्याम सिंह, नन्दलाल वर्मा, राम बड़ाई, पारस, साधना पासवान, अनूप कुमार, सत्यम, सरिता, पूजा, राम प्यारे, सन्तराम ने भी अपने विचार रखे।
आयोजक जिला पंचायत सदस्य शांति पासवान ने बताया अपने घर पर सत्संग करवाना मेरे जीवन का बहुत बड़ा सपना था जो आज पूरा हुआ है। आगे भी संतो की सेवा करते रहूंगी।एक अन्य खबर के अनुसार मंडी समिति प्रांगण में भी साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया।
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