भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस के इतिहास में सबसे लंबी यात्रा का रिकार्ड तो बनाया लेकिन ‘आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास’ की कहावत को चरितार्थ कर हास्य का पात्र बनने से नहीं बच सके। उत्तर प्रदेश के आसन्न चुनाव को लेकर कांग्रेस के समर्थन में जनसमर्थन जुटाने के लिए किसान-यात्रा का मकसद लेकर राहुल गांधी निकले थे लेकिन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को निशाने पर लेने के बजाय उन्होनें अपनी ऊर्जा केन्द्र सरकार के विरोध में लगा दिया। वे भूल गये कि चुनाव उत्तर प्रदेश में होने है, केन्द्र में नहीं। फिर कुंठाग्रस्त होकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधना बेनतीजा कसरत हो गई।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यात्रा में न तो भीड़ जुटा सके। जनता से फीका संवाद चर्चा का विषय बन गया। राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस को कोई लाभ पहुंचेंगा आशा करना व्यर्थ है। राहुल गांधी की यात्रा ‘सिर मुंडाते ही ओले पड़े’ जैसा अंजाम लेकर समाप्त हुई। राहुल गांधी किसान यात्रा में दलाली के फंडे से नहीं ऊबर पाये और सेना को लेकर ऐसे उलझे कि देश में आज सेना के पक्ष में जो सकारात्मक धारणा बनी है। राहुल गांधी के गले उल्टी पड़ गई। उनके मुंह से निकले दलाली के शब्द ने सुनने वालों के मुंह का स्वाद कसेला कर दिया। हद तो तब हो गई जब राहुल जी ने एक दिन सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी और दूसरे दिन खून की दलाली का निंदनीय आरोप मढक़र जनता का आक्रोश झेला।
डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि उन्होंने अपनी अपरिपक्वता के साथ यह भी साबित कर दिया कि वे जिस देश में सत्ता का स्वप्न देख रहे हैं उसकी भाषा तक का ज्ञान नहीं है। राहुल गांधी की यात्रा ने उनका नौसिखियापन वेनकाब कर दिया। अब तक उनके सिर लोकसभा, विधानसभा चुनावों की पराजय दर्ज थी। इस किसान यात्रा में जिस तरह उन्होंने शब्दावली का उपयोग किया उससे कांग्रेस का ग्राफ निम्नगामी हो गया। जनता यह कहने को विवश हो गई कि राहुल गांधी लोकसभा में 44 का अंक सहेज पायेंगे या पार्टी को चार पर लाकर ही दम लेंगे।