संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी जलवायु निधि ने 19 नई परियोजनाओं के लिए एक अरब डॉलर से ज्यादा राशि के अनुदान को मंजूरी दी है ताकि विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिल सके. बहरीन में शनिवार को समाप्त हुई चार दिवसीय बैठक में ‘‘हरित जलवायु निधि’’ से जुड़े अधिकारियों में सहमति बनी कि वे अगले साल और धन जुटाने का प्रयास करेंगे क्योंकि 6.6 अरब डॉलर की शुरूआती पूंजी जल्द ही खर्च हो जाएगी.
दक्षिण-कोरिया स्थित इस कोष को जलवायु से जुड़े विकास कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इस निधि को 2018 तक धनी देशों से 10 अरब डॉलर से ज्यादा राशि मिलनी थी. लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश की ओर से कोष को मिलने वाले अनुदान का एक बड़ा हिस्सा रोक दिया. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जलवायु निधि को तीन अरब डॉलर की राशि देने का वादा किया था लेकिन ट्रंप ने इसमें से दो अरब डॉलर की राशि को रोक दिया है.
मनामा में हुई बैठक में जिन परियोजनाओं के लिए राशि को मंजूरी दी गई है उनमें इंडोनेशिया में जिओथर्मल एनर्जी से जुड़ी परियोजनाएं, यूरोप और पश्चिम एशिया में हरित शहरों और भारत के तटवर्ती इलाकों में निवास करने वाले समुदायों की सुरक्षा शामिल है.
हालांकि बैठक की मेजबानी करने वाले देश बहरीन ने जब ताजा पानी के स्रोतों की सुरक्षा के लिए धन की मांग की तो इसे लेकर प्रतिनिधियों के बीच कुछ मतभेद हो गया. पर्यावरणविदों ने इंगित किया कि बहरीन प्राकृतिक तेल और गैस के अपने संसाधनों से होने वाली कमाई से जल स्रोतों की रक्षा का खर्च वहन कर सकता है. अंतत: बहरीन को इस परियोजना के लिए 21 लाख डॉलर का अनुदान मिला है जबकि उसने 98 लाख डॉलर मांगे थे