लखनऊ। प्रदेश की सत्ता में लगातार दूसरी बार काबिज होने की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी सियासी माहौल को देखकर अपनी रणनीति में फेरबदल कर रही है।
इसके तहत पार्टी ने जहां कई विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं, वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि जल्द ही पार्टी मुखिया अभी तक का सबसे बड़ा फेरबदल करते हुए बड़ी संख्या में पूर्व घोषित प्रत्याशियों को बदलेंगे।
पार्टी की ओर से अब तक 195 विधानसभाओं के लिए प्रत्याशियों को घोषित किया जा चुका है। वहीं इनमें प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के समर्थकों को तरजीह मिलने और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबियों को बाहर रखने की बात सामने आई है। कई ऐसे लोगों को भी टिकट दिया गया है, जिनके अखिलेश खिलाफ थे।
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अब अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाएंगे, जिससे कई प्रत्याशी बदले जा सकते हैं।
पार्टी के अब तक के टिकट वितरण पर नजर डालें तो कानपुर कैंट से हाजी परवेज का टिकट काटा गया है, वह अखिलेश यादव के करीबियों में शुमार होते हैं। कमल सिंह मौर्य की जगह बांदा से हसनुद्दीन को उम्मीदवार बनाया गया है।
मंझनपुर में इलाहाबाद विश्व विद्यालय के छात्र नेता रहे चुके हेमंत टुन्नू का टिकट काटा गया है। इसी तरह बागपत के बड़ौत से विजय कुमार चैधरी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि यहां से अखिलेश यादव की पहली पसंद शौकेन्द्र पहलवान थे। चरथावल से अब्दुला राणा मैदान में हैं।
वह पूर्व में विवादों में आ चुके हैं। कैराना के विधायक नाहिद हसन मुख्यमंत्री के नजदीकी माने जाते हैं, लेकिन उनके धुर विरोधी चाचा कंवर हसन को बुढ़ाना से प्रत्याशी बनाया गया है। टिकट वितरण के इन फैसलों में वर्चस्व की लड़ाई का असर साफ देखा जा सकता है।
पार्टी बीते दिनों सात घोषित प्रत्याशियों को बदल चुकी है। जगदीशपुर से अजीत प्रसाद के स्थान पर विमलेश सरोज और माधवगढ़ से लाखन सिंह कुशवाहा की जगह अब आरपी निरंजन सपा प्रत्याशी बनाए गए हैं।
तिलोई से मयंकेश्वर शरण की जगह जैनुल हसन पार्टी प्रत्याशी बनाये गए हैं। अमापुर से वीरेंद्र सोलंकी का टिकट काटकर उनकी जगह राहुल पाण्डेय को प्रत्याशी बनाया गया था। इसी तरह बिलग्राम मल्लावां से सुभाष पाल के स्थान पर अनीस मंसूरी पार्टी प्रत्याशी घोषित किए गए।
प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की ओर से कहा जा रहा है कि पार्टी चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी को ही टिकट देगी। शायद यही वजह है कि पार्टी दागियों और बाहुबलियों को भी प्रत्याशी बनाने से पीछे नहीं है।