पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक वाणिज्य प्रबंधक ग्रुप बी की 30 फीसद सीमित विभागीय प्रतिस्पर्धी परीक्षा (एलडीसीई) में अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। अनुसूचित जाति वर्ग में लिखित परीक्षा में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया ही नहीं गया, और कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी को सहायक वाणिज्य प्रबंधक (एसीएम) के पद पर तैनाती दे दी गई है।
दरअसल, कार्मिक विभाग ने एक सितंबर 2017 को एलडीसीई कोटा के तहत सामान्य वर्ग में दो और अनुसूचित जाति वर्ग में एक पद पर तैनाती के लिए अधिसूचना जारी की थी। 11 फरवरी 2018 को पर्यवेक्षक प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर में दोनों पालियों में लिखित परीक्षा हुई। परीक्षा में पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के कुल 162 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इसके बाद साक्षात्कार के लिए उत्तीर्ण 16 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। लेकिन सूची में अनुसूचित जाति वर्ग में सर्वाधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी का नाम शामिल नहीं था। अभ्यर्थी को भी किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई। 25 जून 2018 को साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया।
चयन प्रक्रिया के बाद कई अभ्यर्थियों को लगा कि उनका पेपर तो अ’छा हुआ था, फिर वे उत्तीर्ण क्यों नहीं हुए। ऐसे में कुछ ने सूचना का अधिकारी (आरटीआइ) के तहत लिखित परीक्षा के अंक पत्र की मांग की। अंक पत्र देख अभ्यर्थियों के कान खड़े हो गए। अनुसूचित जाति वर्ग में अभ्यर्थी जगतारा संगम (मुख्य टिकट निरीक्षक-छपरा) के लिखित परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में 77 और द्वितीय प्रश्नपत्र में 90 अंक हैं। जबकि साक्षात्कार के लिए बुलाए गए अन्य अभ्यर्थियों के अंक उनसे कम हैं
मामले की जानकारी होने के बाद जगतारा संगम ने दस अगस्त 2018 को सूचना के अधिकार के तहत अंक पत्र की कॉपी और उत्तर पुस्तिका की मांग की। उन्होंने 19 सितंबर को अपील भी कर दी है लेकिन अभी तक उन्हें कोई सूचना नहीं मिली है। जबकि रेलवे प्रशासन ने इससे संबंधित अन्य अभ्यर्थियों को सूचना उपलब्ध करा दी है। वहीं जगतारा के पिता व रसड़ा-बलिया के पूर्व विधायक हरदेव ने इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक से लिखित शिकायत की
इस संबंध में पूवोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादन ने कहा कि शिकायत मिली है। जांच कराई जा रही है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।