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सीएम अखिलेश ने वैज्ञानिकों और शिक्षकों को किया सम्मानित

scienceलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को विज्ञान व इनोवेशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 29 वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। प्रदेश का सर्वोच्च विज्ञान गौरव सम्मान केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डाॅ. सूर्यकांत को दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने सूबे के पांच शिक्षकों को भी सम्मानित किया। राजधानी के पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में केजीएमयू के ही पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डा. एसएन कुरील, और सर्जिकल गेस्ट्रोएंट्रालाॅजी के विभागाध्यक्ष डा. अभिजीत चंद्रा व एनईआर हाॅस्पिटल के यूरोलाॅजिस्ट डा. सलिल टंडन को विज्ञान रत्न के सम्मान से नवाजा गया। ये सभी सम्मान वर्ष 2013-14 के लिए दिये गये।

ये भी हुए सम्मानित-

शाहजहांपुर स्थित गन्ना अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एके तिवारी, केजीएमयू के डॉ. मयंक सिंह, बीएचयू वाराणसी के डा. सुधाकर श्रीवास्तव, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डा. तारिक आफताब और साडीआरआई लखनऊ के डा. वहाजुद्दीन को युवा वैज्ञानिक सम्मान से सम्मानित किया गया।
विभिन्न काॅलेजों में पढ़ रहे अवनि गंगवार, आयुष्मान बाजपेयी, प्रांजुल मिश्र, सिद्धार्थ गुप्ता और सूर्यांक दीक्षित को बाल वैज्ञानिक सम्मान से नवाजा गया है। काॅलेज के शिक्षकों में आलोक गोयल, डा. घनश्याम सिंह, संजय शर्मा, वीना मिश्रा और सुशील कुमार पाण्डेय को मुख्यमंत्री ने विज्ञान शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया।
केजीएमयू के डा. जितेंद्र राव, लखनऊ के नव कुमार अवस्थी, रायबरेली के डा. रमेश कुमार अवस्थी और मो. अबरार तथा गोंडा के राम सजीवन को नव अन्वेषक सम्मान दिया गया।

इसके अलावा पांच लोगों को इनोवेशन के लिए विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया। इनमें सुल्तानपुर के आनंद कुमार पाण्डेय ने स्पीड ब्रेकर से बिजली बनाई है, सुल्तानपुर के ही हसन रजां खान ने चालक रहित मेट्रो संचालन की तकनीक इजाद की है, फैजाबाद के वंश चतुर्वेदी ने घर में अवैध तरीके से घुसने को रोकने हेतु और आग लगने पर अलर्ट जारी करने का उपकरण बनाया है, बागपत के हामिद हुसैन ने हवा से चलने वाली कार बनाई है और देवरिया के रमेश कुमार मौर्य ने बायोफ्यूल से गाड़ियों को चलाने की तरकीब खोजी है। मुख्यमंत्री ने इन सभी को इनकी नई खोज के लिए सम्मानित किया।

सम्मान की धनराशि भी बढ़ी-

राज्य सरकार ने सम्मान की धनराशि भी पहले से अधिक कर दी है। प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय ने बताया कि प्रदेश सरकार ने विज्ञान गौरव सम्मान की धनराशि को 01 लाख रुपये से बढ़ाकर 05 लाख रुपये कर दिया है। विज्ञान रत्न सम्मान की धनराशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये, यंग साइंटिस्ट सम्मान की धनराशि 25 हजार रुपये से
01 लाख रुपये और बाल वैज्ञानिक सम्मान, विज्ञान शिक्षक सम्मान एवं नवअन्वेषक सम्मान (किसान मजदूर पुरस्कार) की धनराशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया है। इसी तरह अभिनव प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों के लिए 10-10 हजार रुपये की धनराशि के साथ सम्मान पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

सरस्वती व शिक्षक श्री सम्मान-

मुख्यमंत्री ने आज ही उच्च शिक्षा के शिक्षकों को सरस्वती व शिक्षक श्री सम्मान से सम्मानित किया। इनमें गोरखपुर विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान के प्रोफेसर अजय कुमार श्रीवास्तव व राजकीय महाविद्यालय पीलीभीत के भौतिक विज्ञान विभाग के डा. राम प्रकाश यादव को सरस्वती सम्मान से नवाजा गया।
शिक्षक श्री सम्मान पाने वालों में गोरखपुर विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के हिंमाशु पाएडेय, लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के डा. रविन्द्र प्रताप सिंह और मायावती राजकीय महाविद्यालय गौतमबुद्धनगर के जंतु विज्ञान विभाग के डा. दिनेश चंद्र शर्मा हैं। शिक्षकों को 2015 के लिए सम्मानित किया गया है।

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