13 सितम्बर को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जायेगा जिसके हर्षोल्लास की तैयारी की जा रही है. गणेश चतुर्थी का पर्व सभी हिन्दू धर्म एक लिए हर त्यौहार काफी महत्वपूर्ण होते हैं और गणेश चतुर्थी उनमे से एक है. ये पर्व पूरे दस दिनों तक चलता है जिसमें काफी शोर शराबा और हर्षोल्लास दिखाई देता है. हर जगह गणेश जी की प्रतिमा दिखाई देती है और माहौल भी भक्तिमय हो जाता है. 
हिंदू ज्योतिष जानकारों के अनुसार गणेश चतुर्थी 13 सितंबर 2018 गुरुवार को मनाई जाएगी और 23 सितंबर 2018 को अनंत चतुर्थी होगी और उसके बाद उनके विसर्जन होता है. इन दस दिनों में इनकी पूजा करने से सभी प्रकार कष्ट दूर होते हैं और सुख समृद्धि आती है. अगर आप भी घर में सुख और समृद्धि चाहते हैं तो हम आपको बता दें कुछ ऐसे मंत्र जो गणेशोत्सव में जपने चाहिए.
* गणेश साधना मंत्र
।। ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ।।
* किसी शुभ कार्य के लिए
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
* श्री गणेश बीज मंत्र:
ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।
* गणेश चतुर्थी के दौरान पूजा करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया ।
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम् ।
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने ।
त्राहि मां निरयाद् घोरद्दीपज्योत ॥
* इस मंत्र के द्वारा प्रातः काल, भगवान श्री गणेश जी का स्मरण करते हुए उच्चारण करें
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम् ।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयोः शिवाय ॥
साथ ही याद रहे श्रीगणेश की प्रतिमा घर में लाने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा और इसी बीच आपको उनकी स्थापना कर उन्हें पूजन कर सकते हैं.
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