नई दिल्ली । भारत गुरुवार को युद्ध प्रभावित दक्षिण सूडान के शहर जूबा के लिए गुरुवार सुबह दो सी-17 सैन्य परिवहन विमान भेजेगा । इनके जरिए वहां फंसे 300 से अधिक भारतीयों को निकालकर देश लाने की कोशिश की जाएगी। भारत सरकार के इस ‘ऑपरेशन संकटमोचन’ नाम के अभियान का नेतृत्व । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘जनरल ने एक बार फिर जिम्मेदारी ली है. दो सी-17 विमान कल जूबा जा रहे हैं। जनरल वी के सिंह दक्षिण सूडान से लोगों को निकालने के अभियान का नेतृत्व करेंगे.’ सिंह ने संघर्ष प्रभावित यमन से बीते साल करीब चार हजार भारतीयों को निकालने के अभियान की निगरानी की थी । मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राहत उड़ान के गुरुवार सुबह जूबा पहुंचने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि वैध भारतीय यात्रा दस्तावेज वाले भारतीय नागरिकों को ही विमान में सवार होने दिया जाएगा । वे अपने साथ अधिकतम पांच किलोग्राम ‘केबिन लगेज’ ला सकते हैं.बताया गया कि महिलाओं और बच्चों को विमान में प्राथमिकता से जगह दी जाएगी। सभी भारतीय नागरिक जूबा-कंपाला-तिरुवनंतपुरम-दिल्ली हवाई रास्ते से देश वापस आएंगे। इनमें से कुछ तिरुवनंतपुरम और बाकी दिल्ली में उतरकर अपनी अगली यात्रा करेंगे.जनरल वी के सिंह के अलावा आर्थिक संबंध सचिव अमर सिन्हा, ज्वाइंट सेक्रेटरी सतबीर सिंह और निदेशक अंजनी कुमार भी जूबा जाएंगे. भारत दक्षिण सूडान में घटनाक्रमों पर नजदीकी नजर रखे हुए था. इस मकसद के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है. वहां भारतीय राजदूत श्रीकुमार मेनन अपनी टीम के साथ लगातार इसकी निगरानी कर रहा हैं.जूबा शहर के कई हिस्सों में पूर्व विद्रोही और सैनिकों के बीच भारी संघर्ष जारी है. विदेश मंत्रालय के अनुसार दक्षिण सूडान में करीब 600 भारतीय हैं. इनमें से 450 जूबा में और करीब 150 राजधानी के बाहर हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी तक करीब 300 भारतीयों ने वहां से निकाले जाने के लिए भारतीय दूतावास में पंजीकरण कराया है.इससे पहले बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने भी दक्षिण सूडान के जुबा में फंसे भारतीयों को तेजी से निकालने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बुधवार को आग्रह किया था।