कानपुर । लखनऊ में संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर पर सवाल खड़े करने वाले उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी की उसके भाई ने निंदा की है।
मैं मौलाना रशादी से कहना चाहूंगा कि उन्हें इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए।’ इस बीच यूपी के एडीजी के आदेश पर पुलिस ने आमिर रशादी के खिलाफ लोगों को भड़काने का केस दर्ज कर लिया है।
मौलाना आमिर रशादी ने सैफुल्लाह एनकाउंटर को बताया फर्जी
एनकाउंटर को गलत बताए जाने के सवाल पर खालिद ने कहा, ‘मुझे लखनऊ से वहां के एसपी की कॉल आई थी। उन्होंने पूछा कि आप कौन हैं तो मैंने कहा कि मैं सैफुल्लाह का भाई हूं।
हमको जिस तरह से तरह से बताया गया कि क्रॉस फायरिंग हो रही थी तो हमें नहीं लगता है कि यह एनकाउंटर फर्जी है। यह मौलाना आमिर की मर्जी है, हमने उनसे ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। पुलिस ने यदि सैफुल्लाह को दोषी पाया है और ऐसा किया है तो हम उनकी सराहना करते हैं।’
इसका एक ही मतलब हुआ कि आतंकियों के मददगार तो देश के अंदर ही संगठन बनाकर बैठे हैं। इनकी मदद के बिना तो आतंकी गतिविधियां संभव ही नहीं है। इस उल्लेमा वाले को उसके आकाओं ने आतंकियों को छुड़ाने के लिए बड़ी मोटी रकम दी होगी, तभी तो ये इतना उछल रहा है।
मध्य प्रदेश ट्रेन ब्लास्ट में पकड़े गए संदिग्धों के परिवारों से मिलने आए रशादी ने कहा, ‘बाटला हाउस की तर्ज पर यह फर्जी एनकाउंटर है। यह सरकारी आतंकवाद है। जंगले के आसपास पुलिस वाले घूम रहे हैं।
कहा जा रहा है कि क्रॉस फायरिंग हो रही है, आखिर क्रॉस फायरिंग हो रही थी तो पुलिस वाले घूम कैसे रहे थे।’ रशादी ने कहा, ‘इससे साफ है कि पुलिस वालों ने उसे रात में बंधक बना रखा था और अंदर से खुद वह गोलियां चला रहे थे। उसे इस तरह से मारा गया जैसे बकरे को जिबह किया जाता है। दीवार पर लगे खून से यह पता चलता है।’
रशादी के आपत्तिजनक बयान के खिलाफ यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) ने रशादी के खिलाफ सैफुल्लाह के परिजनों को भड़काने का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।’
रशादी ने यूपी एटीएस को ऐंटी मुस्लिम स्क्वॉड बताया और कहा कि पूरे एपिसोड से डीजीपी लापता हैं। पहले कहा कि इसमें आईएस का हाथ है और बाद में मना किया। उन्होंने कहा, ‘झूठ एडीजी बोल रहे हैं या नीचे के लोग बोल रहे हैं। एटीएस के लोग पहले भी ऐसी हरकतें कर चुके हैं। इन लोगों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।’