एक ओर हम आधुनिकता की बात करते हैं तो दूसरी ओर कभी-कभी समाज का ऐसा चेहरा सामने आता है कि हम खुद को दशकों पीछे पाते हैं। मंगलवार को भी शहर में एक ऐसा ही मामला सामने आया। असम निवासी मुस्लिम धर्म की एक 15 साल की बच्ची को उसकी सौतेली बुआ ने पांच हजार रुपए में दोगुना उम्र के व्यक्ति को बेचकर शादी करा दी। बच्ची की हिम्मत थी कि उसने इसका विरोध किया और वहां से भाग आई। असम से भागकर वह किसी तरह इंदौर पहुंच गई और यहां चाइल्ड लाइन की टीम को मिल गई। वह बार-बार कह रही है कि उसे अपने से दोगुना उम्र के व्यक्ति के साथ नहीं रहना है। अभी वह नाबालिग है। अपने साथ हुए अन्याय के प्रतिकार की यह कहानी चीख-चीखकर हमसे कहती है कि सोच बदलो…
चाइल्ड लाइन को मंगलवार को सूचना मिली कि रेलवे स्टेशन पर एक नाबालिग मिली है। उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि वह असम से ट्रेन में बैठकर इंदौर आ गई है। चाइल्ड लाइन ने बच्ची को बाल कल्याण समिति में पेश कर शेल्टर होम में जगह दिलाई।
चाइल्ड लाइन के जितेंद्र परमार ने बताया कि बच्ची के अनुसार असम के चिकरविरा गांव में उसे गोद लेने वाले पिता की बहन ने उसकी शादी 30 साल के शख्स से करा दी। बच्ची को उसके पति की उम्र शादी के बाद ही पता चली। यह भी पता चला कि इस शादी के लिए उसकी बुआ ने उसे पांच हजार रुपए में बेचा है। इसके दो दिन बाद वह अपने ससुराल से भागकर माता-पिता के पास पहुंची। माता-पिता ने उसे डांटकर वापस ससुराल जाने की हिदायत दे दी। उसने बताया कि मैं किसी भी हालत में वहां नहीं जाना चाहती थी, इसलिए घर से भाग आई।
बच्ची ने बताया कि जब वह पांच साल की थी तो उसके माता-पिता ने एक दंपती को उसे गोद दे दिया था। उसके असली पिता ने दूसरी शादी कर ली और वे अब उसे साथ नहीं रखना चाहते हैं। वह अपने ससुराल के पते के बारे में ज्यादा नहीं बता पाई, लेकिन अपने सौतेले माता-पिता के पते की जानकारी दी है। बुधवार को बाल कल्याण समिति उसके बारे में आगे का निर्णय लेगी। फिलहाल बच्ची ने ज्यादती जैसी किसी भी घटना का जिक्र नहीं किया।