लखनऊ। आम राय है की अगर किसी राज्य का सूचना तंत्र फेल होता है तो राज्य की सत्ता फेल हो जाती है। राज्य की नीतियों को जनता तक पहुंचाने और जनता की पीड़ा से सत्ता को अवगत कराने में सूचना तंत्र की अहम भूमिका होती है।
महाभारत काल में भी इसका जिक्र है। स्वयं नारद ऋषि ने धर्मराज से कहा था कि राजसत्ता को सफल बनाने का सबसे अहम मूल मंत्र जनता के साथ अच्छा संवाद कायम करना होता है।
यह बात सूचना राज्य मंत्री डॉ नीलकण्ठ तिवारी ने गुरूवार को यहां सूचना सभागार में “सरकारी कार्यों में सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग, पर आयोजित कार्यशाला के दूसरे और अन्तिम दिन कही। उन्होंने कहा कि सूचना तंत्र वैदिक काल से चला आ रहा है।
डॉ तिवारी ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया की बेहद उपयोगिता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने अपने शपथ ग्रहण के दूसरे दिन ही बैठक में मंत्रियों से सोशल मीडिया पर सक्रिय होने को कहा था।
उन्होंने निर्देश दिए थे कि प्रत्येक मंत्री सोशल मीडिया पर काम करने के लिए एक सहायक रखे। उन्होंने सोशल मीडिया सेल बनाने पर भी जोर दिया था।
राज्य मंत्री डॉ तिवारी ने कहा कि इससे पता चलता है कि प्रदेश सरकार सोशल मीडिया के जरिए जनता को लाभ पहुंचाने के लिए कितनी गम्भीर है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज जनता की प्रतिक्रिया जानने का बहुत अच्छा माध्यम है। एक लाइन के पोस्ट पर हम हजारों कमेन्ट के जरिए किसी विषय पर लोगों की राय जान सकते हैं।
इससे पहले प्रमुख सूचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को हुई कार्यशाला के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश सरकार की नीतियों और जनकल्याणकारी योजनाओं को सोशल मीडिया के जरिए आम जनता तक पहुंचा रहे हैं।
इसके लिए सूचना विभाग के कर्मियों को प्रशिक्षित करने की पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की प्राप्ति में स्मार्ट फोन सबसे अहम अस्त्र है।
इसलिए निर्णय लिया गया है कि सूचना विभाग के लोगों को इस काम के लिए स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जायेगा, इसके अलावा अन्य विभाग को भी इस उद्देश्य से यह सुविधा प्रदान की जायेगी।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट फोन के साथ डाॅटा भी प्रदान किया जायेगा। इस मौके पर सूचना निदेश अनुज कुमार ओझा ने भी सोशल मीडिया के जरिए सरकारी नीतियों के प्रचार प्रसार पर जोर दिया।
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