हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टायफस से होती मौतों के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश सरकार को मदद का पूरा भरोसा दिया है।यह एक स्थानीय बीमारी है, जिससे अब तक प्रदेश में 24 मौत हो चुकी हैं।
स्क्रब टायफस एक बुखार है जो एक बैक्टीरिया से होता है। यह बैक्टीरिया घास में रहने वाले संक्रमित पिस्सू के काटने से होता है।इस बीमारी से हुई मौतों को गंभीर मानते हुए 23 सितंबर को नड्डा ने इस पर हिमाचल प्रदेश सरकार से पूरी रिपोर्ट मांगी है। हिमाचल सरकार ने केंद्र को इस पर रिपोर्ट भेज दी है।
नड्डा राज्य की मांग पर एक्सपर्ट कमिटी भेजना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति पर बारीकी से नजर बनाई हुई है और अगर राज्य हमसे कोई तकनीकी सहायता मांगता है तो हम पूरी मदद देंगे।’ उन्होंने कहा कि इस बारे में हिमाचल सरकार को सूचित कर दिया गया है।
नाड्डा ने इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाए जाने की जरूरत पर भी जोर दिया। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को सामुदायिक स्तर पर जागरुकता अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में कुल 14 ऐसे सेंटर हैं जहां इस बीमारी का टेस्ट और इलाज उपलब्ध है। इनमें से दो सेंटर कांगड़ा के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज में हैं। अन्य 12 सेंटर अलग-अलग जिला अस्पतालों में स्थापित किए गए हैं।
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