नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ने बुधवार को 600 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी कर दी। फ्लिपकार्ट और अमेजॉन से कड़ी प्रतिस्पस्पर्धा का सामना कर रही यह कंपनी पिछले एक साल में कई बार अपने कर्मचारियों की छुट्टी कर चुकी है।
स्नैपडील ने साथ ही अपने डिजिटल वॉलेट फ्रीचार्ज को बिक्री के लिए रखा है। इसे 30 करोड़ डॉलर में बेचने के लिए उसकी दक्षिण अफ्रीका के इंटरनेट ग्रुप नेस्पर्स से बातचीत चल रही है। सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने मुख्य रणनीतिक अधिकारी बनाए गए जेसन कोठारी फ्रीचार्ज को बेचने के लिए नेस्पर्स से बातचीत कर रहे हैं।
फ्रीचार्ज को नेस्पर्स को बेचने के लिए बातचीत
कंपनी ने 2015 में 45 करोड़ डॉलर में फ्रीचार्ज का अधिग्रहण किया था। सॉफ्टबैंक के निवेश वाली कंपनी स्नैपडील में फिलहाल 1,300 कर्मचारी हैं जो पिछले साल फरवरी में कंपनी के पास मौजूद सर्वाधिक 10,000 कर्मचारियों की संख्या से 87 फीसदी कम हैं। इस दौरान कंपनी फ्लिपकार्ट और अमेजॉन के हाथों अपनी बाजार हिस्सेदारी गंवा चुकी है जबकि देश का ई-कॉमर्स बाजार 12 फीसदी बढ़कर 14.5 अरब डॉलर का हो चुका है।
सह संस्थापक अब नहीं लेंगे सैलरी
कुणाल बहल और उनके साथी सह संस्थापक रोहित बंसल ने कहा कि वे कोई वेतन नहीं लेंगे। कोठारी के आने के बाद कंपनी ने घाटे के कारोबार को बंद करना या बेचना शुरू कर दिया है। कोठारी इससे पहले हाउसिंग डॉट कॉम में थे जिसमें सॉफ्टबैंक का निवेश है। उन्होंने खर्च कम करके और कारोबार सुधारकर इसे पटरी पर ला दिया था। बाद में इसे न्यूजकॉर्प के प्रॉपटाइगर को बेच दिया गया। स्नैपडील में छंटनी भारतीय स्टार्टअप उद्योग में चल रही उथलपुथल का सबसे ताजा उदाहरण है। पिछले साल आस्कमी सहित कई कंपनियां बंद हो गई थीं क्योंकि निवेशकों ने उन्हें फंड देने से मना कर दिया था।