लखनऊ। प्रदेश की यातायात व्यवस्था को सुधरने को एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली और स्मार्ट सिटी सर्विलांस योजना लागू होगी। इसके लिए तैयार किया जाने वाला मसौदा जमीनी हकीकत को ध्यान में रखकर तैयार हो रहा है। इसे जन आकांक्षाओं पर खरा उतारने को आतुर सरकार पहले चरण में लखनऊ एवं गौतमबुद्धनगर में लागू करने का मन बना चुकी है।
मुख्य सचिव दीपक सिंघल की मानें तो नोएडा में अथाॅरिटी द्वारा परियोजना का क्रियान्वयन होगा। लखनऊ में प्रदेश सरकार सहयोग करेगी। विकास प्राधिकरण, नगर निगम, जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त व अन्य सम्बन्धित विभाग मिलकर मसौदे को तैयार कर रहे हैं।
12 जिलों में लागू होनी है परियोजना-
लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़ व गोरखपुर के नगरीय क्षेत्र में यह योजना लागू करने का प्रस्ताव है। एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली सड़कांे पर यातायात व्यवस्था को अनुशासित, सुव्यवस्थित एवं सुचारु बनाएगी। यातायात के दबाव को कम करने में सहयोगी साबित होगी।
प्रमुख मार्गो पर मिलेगी यातायात से जुड़ी जानकारियां-
आधुनिक यातायात संकेतक, आवश्यक सूचनात्मक संकेत तथा अन्य उपकरणों आदि की व्यवस्था रहने से जरूरी जानकारियां मिलेंगी और यातायात अधिक सुरक्षित होगा। चैराहों की रोड इंजीनियरिंग दुरुस्त की जाएगी। सीसीटीवी कैमरे स्थापित होंगे। रिकार्डिंग नियंत्रण कक्ष में देखने की सुविधा त्वरित कार्रवाई और दोषियों को चिह्नित करने वाली होगी।
स्मार्ट सिटी सर्विलांस देगा सुरक्षा-
स्मार्ट सिटी सर्विलांस योजना के तहत विभिन्न स्थानों पर लगने वाले फिक्स कैमरे, पीटीजेट कैमरे, एनपीआर कैमरे, पीए सिस्टम, इमरजेंसी काॅल बाॅक्स, वीडियो एनाॅलिटिक्स सार्वजनिक स्थलों पर जनसामान्य की सुरक्षा में गुणात्मक सुधार करने में सहयोगी साबित होंगे। अपराधियों पर प्रभावी अंकुश में भी सहायता मिलेगी।