Saturday , December 28 2024

हरिद्वार में मकर सक्रांति स्नान को लेकर हरकी पैड़ी पर आस्था का रेला उमड़ पड़ा

भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर मकर सक्रांति स्नान को लेकर हरकी पैड़ी पर आस्था का रेला उमड़ पड़ा। हर की पैड़ी तथा अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्‍था की डुबकी लगाई। कुशावर्त घाट पर यज्ञोपवीत सहित कई संस्कार कराए गए। कड़ाके की ठंड और मकर संक्रांति का मंगलवार को भी होने के चलते श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।

मकर सक्रांति का पर्व मनाने के लिए देश के पर्वतीय अंचलों से खासी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के साथ-साथ राजस्थान, यूपी, पंजाब और दिल्ली से भी श्रद्धालु गंगा स्‍नान के लिए पहुंचे। हरकी पैड़ी पर सवेरे के समय चल रही शीतलहर के कारण स्नान सूर्योदय के बाद प्रारंभ हुआ। अलबत्ता ब्रह्म मुहूर्त में भी श्रद्धालु स्नान करते हुए दिखाई दिए। पैदल यातायात प्रबंधों के चलते यात्रियों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। बाजारों में भी सामान्य भीड़ बनी रही। श्रद्धालुओं ने कुशावर्त घाट जाकर कर्णभेदन संस्कार, मुंडन संस्कार, श्राद्ध तर्पण एवं यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न कराए।

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल से काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कर्मकांड कराने के लिए पहुंचे। यज्ञोपवीत संस्कार के समय महिलाओं ने परंरागत वेशभूषा धारण की। उत्तरायणी का पर्व मनाते हुए श्रद्धालुओं ने चावल, उड़द की दाल, मूंगफली, गूड़, तिल, तिल के लड्डू तथा मकई से बने पदार्थों का दान किया गया।

श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी पर भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य प्रदान कर उत्तरायण यात्रा यथावत संपन्न होने की कामना की। सूर्य को शिशिर ऋतु में प्रवेश करने पर ताप बढ़ाने के निमित्त कई जगह अग्नि प्रज्ज्वलित कर यज्ञों का आयोजन किया गया।

मकर सक्रांति के पर्व पर पंचपुरी में महिलाओं ने बहनों, बेटियों और पंडितों के नाम खिचड़ी भोज भेजे। इसके साथ ही अनेक प्रकार के मांगलिक पर्व धर्मनगरी में मनाए गए। सूर्यदेव की उत्तरायण यात्रा के प्रतीक रूप में गंगा के तटों पर सूर्य नमस्कार करने वालों की भीड़ सुभाषघाट, रोड़ीबेलवाला आदि पर लगी रही।

भगवान आदिबदरी के कपाट खुले

मकर संक्रांति के पर्व पर वैदिक मंत्रोचार के साथ ब्रहम मुहूर्त में भगवान आदिबदरी के कपाट खोल दिए गए है। साथ ही सोमवार से मंदिर में महाभिषेक के साथ साथ गणेश पुराण कथा का भी आयोजन शुरू हो गया। वर्ष भर में सिर्फ पौष मास में एक महीने के लिए आदिबदरी मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते है, जबकि 11 महीने श्रद्धालुओं के लिए कपाट खुले रहते है। इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं भीड़ लगी हुई है।

ऋषिकेश में भी श्रद्धालुओं ने लागई डुबकी

मकर सक्रांति के पावन मौके पर ऋषिकेश सहित मुनिकीरेती, लक्ष्मण झूला और स्वर्ग आश्रम स्थित गंगा तट पर सोमवार सुबह सैकड़ों श्रद्धालु ठिठुरन के बावजूद गंगा में डुबकी लगाने पहुंचे। त्रिवेणी घाट में तड़के से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। धूप निकलने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई। त्रिवेणी घाट पर बड़ी संख्या में भिक्षुक और निराश्रित लोगों का जमावड़ा लग गया। यहां आने वाले श्रद्धालुओं ने इन सभी को खिचड़ी और अनाज का दान किया। श्री गंगा सभा ने भी श्रद्धालुओं को खिचड़ी और चाय का वितरण किया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गीता नगर के सदस्यों ने त्रिवेणी घाट में स्टाल लगाकर लोगों को स्वस्थ और साधा जीवन व्यतीत करने के लिए पत्रक वितरित किए।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com