अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एस एस प्रसाद द्वारा बुधवार की शाम जारी एक आदेश में कहा गया, “ हरियाणा के डीजीपी बी एस संधू के सेवानिवृत्ति की आयु पर पहुंचने के बाद 30 सितंबर 2018 से प्रभावी सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति से जुड़ा आदेश वापस लिया जाता है.”
डीजीपी बीएस संधू को उम्र के आधार पर 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन राज्य सरकार ने हाल में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर उनके लिए सेवा विस्तार की मांग की थी. दिन में सेवानिवृत्ति का आदेश जारी किया गया, लेकिन भूल का पता चलने के बाद गृह विभाग ने इसे वापस ले लिया.
भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा में सत्ता में आने के 4 साल के भीतर हरियाणा पुलिस के इस शीर्ष पद पर अब तक 4 अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है. पुलिस महकमे में वैसे इस शीर्ष पद पर नियुक्ति में राजनैतिक हस्तक्षेप,दखलंदाजी और सिफारिश की बात भी कही जाती है. संधू से पहले हरियाणा के डीजीपी रहे कुशल पाल सिंह का बीजेपी नेताओं से हुए विवाद और विधानसभा अध्यक्ष तंवर पाल के साथ हुये विवाद के कारण ट्रांसफर कर महानिरीक्षक(जेल) बना कर भेज दिया गया था.
पिछले साल अगस्त में बाबा राम रहीम के सजा सुनाये जाने के बाद उनके समर्थकों के द्वारा सिरसा में हुए बवाल के बाद उपद्रवियों पर लगाम लगाने और स्थिति को नियंत्रण करने के बाद पुरे देश में चर्चा में आये थें.