नई दिल्ली। इरोम शर्मिला ने अपना अनशन आज तोड़ दिया है. उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. इरोम शर्मिला मणिपुर में सेना को मिले विशेष अधिकार के खिलाफ पिछले 16 साल से अनशन पर थीं।इरोम ने शहद खाकर तोड़ा अनशन। इरोम ने कहा कि मैं मणिपुर की सीएम बनना चाहती हूं. इरोम ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।मालोमगांव के उस बस स्टॉप की जहां 2 नवंबर 2000 को असम राइफल्स की गोलियों से 10 लोग मारे गये थे. उसी वारदात के बाद इरोम शर्मिला ने आर्म्स फोर्स स्पेशल पावर एक्ट के खिलाफ आमरण अनशन का एलान कर दिया।2साल 2000 में इरोम शर्मिला ने जो अनशन शुरू किया, वो आजतक बदस्तूर जारी था. कानून की नजर में भले ही वो आत्महत्या के प्रयास की आरोपी मानी गई हों लेकिन आम लोगों के बीच उनकी छवि एक मसीहा की बनी.इरोम शर्मिला राजनीति की दुनिया में आनेवाली हैं और उनको अपने साथ लाने के लिए राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई है. जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता तो इरोम शर्मिला के अनशन खत्म करने से पहले ही उनके पास न्योता लेकर पहुंच गये.राजनीति के अलावा इरोम शर्मिला एक और दूसरी पारी शुरू करने जा रही हैं।