राम मंदिर: योगी जी और मोदी जी की अंतरात्मा न जग रही हो…
राम मंदिर मुद्दा एक बार फिर गरमाया है शायद चुनावों के कारण मुद्दे को छेड़ा गया हो क्योकि इस बार भी पहल बीजेपी ने ही की है. इसकी शुरुआत कल सोमवार सुबह से रामजन्म भूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने की जब उन्होंने कभी भी अचानक से राम मंदिर निर्माण शुरू किये जाने की बात कह कर बहस को ताजा कर दिया. फिर दिन भर बयानबाजियां चली. उन्होंने यूपी के सीएम योगी को याद दिलाया की उन्होंने अयोध्या में कहा था कि अगर वह कभी मुख्यमंत्री बने तो राम मंदिर बनाकर दम लेंगे. राम विलास वेदांती ने कहा कि अब मीडिया उनसे सवाल करने लगा है. लोग उनसे मंदिर की तारीख पूछने लगे हैं. ऐसे में अगर सरकार कोई कदम नहीं उठाती तो संत समाज खुद ही मंदिर बनाने का निर्णय ले लेगा और वह भी 2019 के पहले.
दाती के तीन सहयोगियों से खोले अहम राज
दिल्ली: शनिवार को भेजे गए नोटिस की तामील पर शिष्या से रेप के आरोप में फसे दाती महाराज के मामले में सोमवार को नवीन गुप्ता, सचिन जैन और शक्ति अग्रवाल से क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की. कल तीनों के बयान दर्ज किए गए और लम्बी चली पूछताछ में तीनों ने कई अहम राज खोले.
राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग से हर्ष मंदर का इस्तीफा, विडंबना तो देखिये
राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग (एनएचआरसी) के विशेष पर्यवेक्षक के पद से इस्तीफा देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने कहा कि ‘उनके पास निभाने के लिए कोई भी रचनात्मक भूमिका’ नहीं है. हर्ष मंदर ने अपने इस्तीफे में लिखा, “अल्पसंख्यकों और सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े किसी भी मानवाधिकार अभियान या जांच के लिए मुझसे संपर्क करने के मुद्दे पर एनएचआरसी की लगातार चुप्पी के कारण, यह प्रतीत होता है कि एनएचआरसी के विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर मेरी कोई सकारात्मक भूमिका नहीं है.” उन्होंने कहा, “इसलिए मैंने इस दायित्व से इस्तीफा देने के लिए अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी.” मंदर ने अपने त्यागपत्र में शिकायत की है कि उन्हें यह बताया गया था कि एनएचआरसी अल्पसंख्यकों के अधिकार और सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित मामलों को देखने के लिए समय-समय पर उनकी सेवाएं लेगा, लेकिन आयोग ने इन मुद्दों पर एक बार भी उनसे संपर्क नहीं किया. उनका ये इस्तीफा और बयान विडम्बना की और इशारा कर रहा है कि राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग में करने के लिए कुछ नहीं बचा.
अमरीकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में यह भारतीय भी !
वॉशिंगटन : 2020 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से मैं इनकार नहीं करती. यह उस सवाल का जवाब है जिसमे भारतीय मूल की अमेरिकी सेनेटर कमला हैरिस से ये पूछा गया की क्या आप वर्ष 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने की संभावना को नकार रही है. मतलब साफ है उनके नाम को लेकर चल रही चर्चाये यु ही नहीं है. मीडिया में आई एक खबर में यह कहा गया है कि जमैका और भारत से अमेरिका आकर बसे दंपती की बेटी कमला (53) को डेमोक्रैटिक राजनीति का उभरता सितारा माना जा रहा है और पूरी सम्भावना है कि वे 2020 में प्रेसिडेंट पद के लिए दौड़ में शामिल रहेगी.
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