लखनऊ। राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी का 46वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर कुल 97,252 डिग्रियां और उपाधियां वितरित की गईं, जिनमें विशेष योग्यता वाले विद्यार्थियों को पदक भी प्रदान किए गए।
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समारोह में 18 गोल्ड मेडल वितरित किए गए, जिनमें 7 स्नातक, 9 स्नातकोत्तर और 2 उत्कृष्ट खिलाड़ी शामिल हैं। राज्यपाल ने सभी विद्यार्थियों को डिजिलॉकर पर उपाधियां अपलोड कर दीं। स्नातक स्तर पर 78,196 डिग्रियां प्रदान की गईं, जबकि स्नातकोत्तर स्तर पर 19,056 डिग्रियां वितरित की गईं।
विद्यार्थियों को कौशल विकास की प्रेरणा
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को सरकार की शिक्षा और कौशल विकास योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस वर्ष के बजट में शिक्षा के लिए रखे गए 1.48 लाख करोड़ के बजट का जिक्र करते हुए सभी विद्यार्थियों को इसके लाभ उठाने की सलाह दी।
तकनीकी का सार्थक उपयोग
राज्यपाल ने तकनीकी का उपयोग सार्थक दिशा में करने की बात करते हुए ऊर्जा और पानी बचाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में लागू समर्थ पोर्टल से 200 करोड़ की बचत की गई है।
शिक्षक और राष्ट्र निर्माण की भूमिका
उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने शिक्षकों से चाणक्य के प्रयासों को आत्मसात करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में एक हब बन चुका है, जहां सर्वाधिक नैक ग्रेड प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मान
समारोह में सोनभद्र जिले की 10 विशिष्ट आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिए।
इस अवसर पर “महात्मा गांधी, पं. दीनदयाल और डॉ. आंबेडकर” पर आधारित स्मारिका और पुस्तक का विमोचन किया गया। समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षकों, विद्यार्थियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित अनेक लोग उपस्थित रहे
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