“82वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में भारत की ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ नॉन-इंग्लिश और बेस्ट डायरेक्शन कैटेगरी में नामांकित होने के बावजूद अवॉर्ड जीतने से चूक गई।”
कैलिफोर्निया। 82वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में भारत की उम्मीदें उस समय धूमिल हो गईं, जब नॉन-इंग्लिश फिल्म और बेस्ट डायरेक्शन कैटेगरी में नामांकित फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ कोई भी अवॉर्ड जीतने में नाकाम रही।
नॉन-इंग्लिश कैटेगरी:
इस कैटेगरी में भारत की ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ का मुकाबला फ्रांस की फिल्म ‘एमिलिया पेरेज’ से था, जिसने यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीता।
बेस्ट डायरेक्टर कैटेगरी:
बेस्ट डायरेक्टर कैटेगरी में भारतीय फिल्म के निर्देशक के मुकाबले में अमेरिकी निर्देशक ब्रेडी कॉर्बेट को उनकी फिल्म ‘द ब्रूटलिस्ट’ के लिए विजेता घोषित किया गया।
भारत की उम्मीदों को झटका:
यह पहला मौका था जब ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ को अंतरराष्ट्रीय मंच पर इतनी मान्यता मिली थी। हालांकि फिल्म के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी कि इसे दो प्रमुख कैटेगरी में नामांकन मिला।
फ्रांस और अमेरिका का दबदबा:
फ्रांस की फिल्म ‘एमिलिया पेरेज’ और अमेरिका की ‘द ब्रूटलिस्ट’ ने इस बार गोल्डन ग्लोब्स में अपनी चमक बिखेरी। आलोचकों का कहना है कि भारतीय फिल्मों के लिए अभी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान बनाना चुनौतीपूर्ण है।
82वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में भारत की ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ का सफर भले ही अधूरा रह गया हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय फिल्मों की उपस्थिति भविष्य में और मजबूत हो सकती है। इस ऐतिहासिक मंच से जुड़ी खबरों के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ।
विशेष संवाददाता:
मनोज शुक्ल