लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 24 घंटे में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसने 1930 के बाद सितंबर महीने में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस भारी बारिश ने शहर के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं, जिससे 200 से अधिक मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं। लगातार 30 घंटे से हो रही बारिश ने शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों को भी प्रभावित किया है। लोग अपने घरों में कैद होकर रहने को मजबूर हैं। गोरखपुर के जिला अस्पताल तक पानी भर गया, जिससे सफाई कर्मचारियों को घंटों तक पानी निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
महराजगंज में भी गंभीर हालात: महराजगंज में स्थिति और भी विकट हो गई है, जहां एक पुलिस चौकी में कमर तक पानी भर गया है। इसके अलावा, कई घरों में भी 3 फीट तक पानी भर चुका है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
यह भी पढ़ें: कानपुर टेस्ट: बारिश के कारण नहीं हो सका पहले सेशन का खेल
कई जिलों में चेतावनी:
मौसम विभाग ने 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और अगले तीन दिनों तक इसी तरह के मौसम की भविष्यवाणी की है। इस बीच, नेपाल द्वारा बाल्मीकि-बैराज से 3.84 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ का खतरा और भी बढ़ गया है।
कई इलाकों में नुकसान:
कन्नौज: बारिश के कारण एक कच्चे मकान की छत ढह गई, जिससे एक भाई-बहन की मौत हो गई।
हरदोई: शारदा नहर कटने से सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो गई।
मथुरा: बारिश के चलते मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई।
अयोध्या: जलवानपुरा इलाके में पानी भरने से ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को बाहर निकाला गया।
आजमगढ़ में बाढ़ जैसे हालात: आजमगढ़ में भी तमसा और घाघरा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे निचले हिस्सों में पानी भर गया है और वहां नावें चल रही हैं। पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।