26 साल की केरल की युवती हदिया ने 2016 में जब मुस्लिम लड़के से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपनाया तो उसके पिता केएम अशोकन ने इसका विरोध किया. उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि उनकी बेटी ‘लव जिहाद’ का शिकार हुई. ये मामला राष्ट्रीय सुर्खियों का सबब बना और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. अब उसी हदिया के पिता ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है.
हदिया
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कथित लव जिहाद की शिकार केरल निवासी युवती हादिया को इसी साल 8 मार्च को बड़ी राहत देते हुये शफीन जहां से उसकी शादी अमान्य घोषित करने का केरल हाई कोर्ट का फैसला निरस्त कर दिया था. तीन सदस्यीय खंडपीठ ने साथ ही यह भी कहा था कि इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अपनी जांच जारी रख सकती है. शीर्ष अदालत ने पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को हादिया के धर्म परिवर्तन के मामले की जांच का निर्देश दिया था क्योंकि एजेंसी ने दावा किया था कि केरल में इस तरह का एक ‘तरीका’ सामने आ रहा है.
यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब हादिया के पति शफीन जहां ने उसकी शादी अमान्य करार देने और उसकी पत्नी को माता-पिता के घर भेजने के उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 27 नवंबर को हादिया को उसके माता-पिता की निगरानी से मुक्त करते हुए उसे कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिये भेज दिया था. हालांकि, हदिया ने कहा था कि वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती है. हाई कोर्ट ने पिछले साल मई में हादिया और शफीन के विवाह को लव जिहाद का एक नमूना बताते हुये इसे अमान्य घोषित कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शफीन जहां से शादी को बरकरार रखने के फैसले के बाद हदिया ने अपने बयान में कहा था, ‘यह सब मेरे इस्लाम कबूलने की वजह से हुआ.’ हदिया ने मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कहा था, “संविधान अपना धर्म चुनने की पूरी अजादी देता है, जो हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और यह सब मेरे इस्लाम कबूलने की वजह से हुआ.”
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