हरिद्वार। जूना अखाड़ा की तरफ से अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी को अल्मोड़ा जेल में दीक्षा देकर महामंडलेश्वर बनाए जाने की चर्चा पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरिगिरि ने संज्ञान लेते हुए कहा कि उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय को अल्मोड़ा जेल में दीक्षा दिए जाने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने इस मामले की जांच कराने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने लालच में आकर इस तरह का काम किया है तो इस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इस चर्चा की सत्यता का पता लगाने के लिए ही एक सात सदस्यसीय कमेटी का गठन किया जाएगा। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। अगर अखाड़े के ही महात्माओं ने ये किया है तो उन्हें भी अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
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श्रीमहंत हरिगिरी का कहना है अखाड़े के एक बाबा ने पीपी को अपना चेला अवश्य बनाया है लेकिन महामंडलेश्वर बनाने की लंबी प्रक्रिया है, वो भी केवल कुंभ में बनाए जाते हैं।
गौरतलब है कि अल्मोड़ा के रानीखेत स्थित खनौइया गांव निवासी प्रकाश पांडे उर्फ पीपी छोटा राजन का दाहिनी हाथ हुआ करता था। वर्ष 2010 में वियतनाम से गिरफ्तार हुआ पीपी सितारगंज, पौड़ी के बाद अब अल्मोड़ा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। पिछले साल अगस्त में पौड़ी जेल से पीपी को हरिद्वार जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था, मगर कुछ माह पहले उसे अल्मोड़ा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। हाल ही में पीपी पांडेय को अल्मोड़ा जेल में गुरु दीक्षा देते हुए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का महामंडलेश्वरबनाने की बात सामने आई है।
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