कानपुर। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए इन दिनों कानपुर में विजिलेंस की टीम सक्रिय है। 24 घंटे के अंतराल में टीम ने एक और सरकारी कर्मचारी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। यह कर्मचारी कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में कार्यरत नीरज मल्होत्रा है, जो पीड़ित से रजिस्ट्री के नाम पर रिश्वत मांगी थी।
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जानकारी के अनुसार वसंत विहार के रहने वाले दीपेन्द्र शुक्ला की विश्वबैंक योजना में ईडब्ल्यूएस की कालोनी है। दीपेन्द्र के मुताबिक कालोनी की रजिस्ट्री कराने के लिए केडीए के 10 साल से चक्कर लगा रहा हूं। इसी बीच केडीए के द्वितीय तल में विश्व बैंक योजना का काम देख रहे बेलदार नीरज मल्होत्रा ने कालोनी की रजिस्ट्री कराने के लिए 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। इस पर दीपेन्द्र ने विजिलेंस की टीम से सम्पर्क किया और आपबीती बया की। विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को रिश्वत के 10 हजार रुपयों में केमिकल लगाकर दीपेन्द्र को सम्बंधित कर्मचारी नीरज मल्होत्रा के पास भेज दिया।
दीपेन्द्र ने जैसे ही नीरज को रिश्वत के 10 हजार रुपये दिये तो पहले से मौजूद विजिलेंस की टीम ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। टीम ने कर्मचारी के हाथों को धुलवाते हुए साक्ष्य एकत्र किया और उसे केडीए से घसीटते हुए नीचे लाकर गाड़ी में बैठाकर विभाग ले गई। विजिलेंस की इस कार्रवाई से केडीए में हड़कम्प मच गया और कर्मचारियों में डर का माहौल साफ देखा गया। केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्व्याल ने बताया कि कर्मचारी के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की जा रही है।
24 घंटे के अंतराल में दूसरी कार्रवाई
24 घंटे के अंतराल में विजिलेंस की यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पूर्व एसीपी बाबूपुरवा कार्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल शाहनवाज खान को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। इसके पूर्व केडीए की बिल्डिंग से सटी नगर निगम की बिल्डिंग से बाबू राजेश यादव को रिश्वत लेते हुए इसी तरह रंगेहाथ पकड़ा गया।