लखनऊ। उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के करीब 9 हजार 500 कर्मचारियों और पेंशनर्स को बीते चार महीनों से सैलरी और पेंशन नहीं मिली है, जिससे उनका जीवन कठिन हो गया है।
दवा के लिए पैसे नहीं, बच्चों की फीस भी नहीं भर पा रहे कर्मचारी
डिप्लोमा इंजीनियर्स पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी मिश्रा के अनुसार, 7,142 पेंशनर्स और 2,342 कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिला। कई पेंशनर इलाज तक नहीं करवा पा रहे हैं, जबकि कर्मचारियों को बच्चों की स्कूल फीस भरने और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए उधार लेना पड़ रहा है। उधार देने वालों ने भी अब हाथ खींच लिया है।
यह भी पढ़ें: कानपुर में श्रावस्ती की महिला से दुष्कर्म, पुलिस ने दबोचा
मुख्यमंत्री को ज्ञापन, फिर भी समाधान नहीं
एसोसिएशन के महामंत्री बीके वाजपेई ने बताया कि मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री समेत उच्च अधिकारियों को कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है। आश्वासन मिलता है, लेकिन सैलरी नहीं।
26 सितंबर को बुलाई गई बैठक
जल निगम संघर्ष समिति ने आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए 26 सितंबर को प्रदेशभर के कर्मचारियों और पेंशनर्स की बैठक बुलाई है। कर्मचारियों का कहना है कि 2006 से 2010 के बीच का बकाया वेतन भी अब तक लंबित है। जल निगम के परंपरागत कार्यों को दूसरी एजेंसियों को देने से संकट गहराया है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal