लखनऊ। लखनऊ हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार को चायनीज लहसुन की बिक्री पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को तलब किया और पूछा कि बैन के बावजूद बाजार में चायनीज लहसुन कैसे बिक रहा है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने विभाग के अधिकारी विजय प्रताप सिंह को निर्देश दिया कि इस पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान याची ने चिनहट बाजार से आधा किलो चायनीज लहसुन खरीदकर पेश किया, जिसके बाद खाद्य एवं सुरक्षा विभाग को कड़ी फटकार मिली। विभाग द्वारा बताया गया कि चायनीज लहसुन की पहचान और रोकथाम के लिए टोल-फ्री नंबर (180 1805533) जारी किया गया है और मंडियों में छापेमारी भी की गई, लेकिन लहसुन नहीं मिला। हालांकि, याची ने दावा किया कि यह अवैध रूप से तस्करी के माध्यम से बाजार में उतारा जा रहा है।
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कोर्ट ने इस मामले पर गंभीरता से विचार करते हुए अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को निर्धारित की है और केंद्र से पूछा है कि देश में प्रतिबंधित चायनीज लहसुन की बिक्री रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं।
चायनीज लहसुन का देशी बाजार पर बड़ा असर पड़ रहा है। स्थानीय व्यापारी और किसान चायनीज लहसुन की कम कीमत (18 से 20 हजार रु प्रति क्विंटल) के कारण भारी नुकसान झेल रहे हैं। देशी लहसुन की कीमत जहां 25 से 30 हजार रु प्रति क्विंटल है, वहीं चायनीज लहसुन की तस्करी से व्यापारियों और किसानों को प्रति क्विंटल 5000 से 7000 रु तक का नुकसान होने का खतरा है।
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