लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए स्विटजरलैंड के मॉडल पर आधारित ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत शैक्षिक सत्र 2024-25 में प्रदेश के 1 लाख से अधिक छात्रों को विशेष कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण यूपी बोर्ड के कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को रोजगार और व्यापार में बेहतर भविष्य तैयार करने के उद्देश्य से दिया जाएगा।
‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ का उद्देश्य:-
कौशल विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत हर छात्र को प्रतिदिन 90 मिनट का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि व्यावसायिक रूप से भी सक्षम हो सकें। अब तक 315 विद्यालयों में 63,000 से अधिक छात्रों को इस प्रशिक्षण का लाभ मिला है, और नए शैक्षिक सत्र में इसे और विस्तार दिया जाएगा।
हर बैच में लगभग 35 छात्र:-
कौशल विकास मिशन निदेशक अभिषेक सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत हर स्कूल में अधिकतम दो जॉब रोल चुने जाएंगे, और प्रत्येक बैच में 35 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिन क्षेत्रों में रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाए।
महिला सशक्तिकरण पर जोर: इस योजना के तहत विशेष रूप से बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में भी यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जा रहा है।
स्विट्जरलैंड मॉडल से प्रेरणा:-
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की 2023 वैश्विक नवाचार रिपोर्ट के अनुसार, स्विट्जरलैंड की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली दुनिया में सबसे अग्रणी है। यूपी का ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ भी इसी मॉडल पर आधारित है, जो छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल प्रदान करने पर केंद्रित है।
नवाचार की दिशा में कदम:-
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है, ताकि वे भविष्य में नवाचार की दुनिया में बड़ा मुकाम हासिल कर सकें।