बहराइच – तेजवापुर ब्लाक के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में जिलाधिकारी मोनिका रानी के औचक निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं। निरीक्षण के परिणामस्वरूप, चार अधिकारियों का वेतन रोकने और वार्डन तथा जिला समन्वयक को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
निरीक्षण के दौरान मिलीं खामियां
जिलाधिकारी ने विद्यालय के रसोईघर और छात्रावास के दरवाजे, खिड़कियों की स्थिति, और बाथरूम में पानी की आपूर्ति की जांच की। निरीक्षण में निम्नलिखित खामियां पाई गईं:
- रसोईघर और छात्रावास के दरवाजे एवं खिड़कियां दुरुस्त नहीं थीं।
- खिड़की की जाली टूटी हुई थी।
- विद्यालय में सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से सम्पूर्ण परिसर की निगरानी नहीं हो रही थी।
- साफ-सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई।
इन कमियों के लिए जिलाधिकारी ने बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश दिए और उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने का आदेश दिया।
छात्राओं की यूनिफॉर्म और शैक्षणिक स्तर
डीएम ने विद्यालय के कार्यालय का निरीक्षण करते समय पाया कि कई छात्राओं के लिए ड्रेस की धनराशि अभी तक प्रेषित नहीं की गई, जिसके कारण वे बगैर यूनिफॉर्म के उपस्थित थीं। इस पर लेखाकार और कंप्यूटर ऑपरेटर का वेतन भी रोकने के निर्देश दिए गए।
कक्षा 07 की छात्राओं की कॉपियों की जांच में यह पाया गया कि संबंधित शिक्षकों ने कॉपियों की जांच नहीं की थी, और कुछ शब्दों की स्पेलिंग भी गलत लिखी गई थी। इस पर डीएम ने शिक्षण कार्य में शिथिलता मानते हुए नवीनीकरण के दौरान इसका ध्यान रखने के निर्देश दिए।
डीएम ने विद्यालय की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए वार्डन और जिला समन्वयक बालिका को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने रसोईघर और पुस्तकालय का भी निरीक्षण किया और छात्राओं के लिए उपलब्ध बेड-बेडिंग की स्थिति की जानकारी ली।
इस निरीक्षण ने विद्यालय में पठन-पाठन की गुणवत्ता को सुधारने की आवश्यकता को उजागर किया है, जिससे कि छात्राओं को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिल सकें।
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