बहराइच: बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के परिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया है कि दंगाइयों पर ऐसी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री की बात सुनने के बाद परिवार ने अंत्येष्टि करने का निर्णय लिया।
रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद उनके परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया था, जिसके चलते प्रदर्शन भी हुआ। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय विधायक सुरेश्वर सिंह के फोन से रामगोपाल के बड़े भाई से बात की, जिसके बाद परिजनों ने अंत्येष्टि के लिए राजी हुए। सीएम ने कहा कि वे पीड़ित परिवार से मिलने के लिए लखनऊ बुलाएंगे।
बहराइच में हुई हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने मोर्चा संभाल लिया। इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है और चार एसटीएफ टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। अमिताभ यश ने खुद रिवाल्वर लेकर क्षेत्र का दौरा किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र में विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव और गोलीबारी की घटना हुई, जिससे हिंसा भड़क गई। इस घटना में रामगोपाल की मौत के साथ-साथ 15 अन्य लोग भी घायल हुए थे। घटना के बाद स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई, जब शव को गांव में लाया गया।
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हिंसा प्रभावित क्षेत्र को चार जोन में बांटा गया है, और हर जोन में यूपी एसटीएफ की एक टीम तैनात की गई है। नोडल अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है, जो पूरे ऑपरेशन की निगरानी करेंगे।
हथियारों की बरामदगी
पुलिस ने घटना के बाद तलाशी के दौरान कई खाली खोखे और अन्य हथियार बरामद किए हैं। यह संकेत मिलता है कि घटना में कई राउंड गोलीबारी की गई थी, जिसे डीजे की आवाज के पीछे छिपाया गया था।
बहराइच की यह हिंसा न केवल स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह प्रदेश की राजनीति में भी गर्माहट पैदा कर रही है। मुख्यमंत्री के आश्वासन और एसटीएफ की सक्रियता से उम्मीद है कि स्थानीय स्थिति में सुधार होगा। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, अधिकारियों द्वारा दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।