लखनऊ : आज राजभवन में “सडन कार्डियक अरेस्ट” के विषय में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ0 आदित्य कपूर और उनकी टीम ने भाग लिया, जिन्होंने राजभवन के कर्मचारियों और अधिकारियों को बचाव प्रशिक्षण और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला की मुख्य बातें:
- सडन कार्डियक अरेस्ट के लक्षण: कार्यशाला में सडन कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच अंतर को स्पष्ट किया गया, साथ ही आपातकालीन स्थिति में सहायता देने के उपाय बताए गए।
- सीपीआर और आपात उपचार: डॉ0 कपूर ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तकनीक, वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन, ए0ई0डी0 मशीन, और शॉक मशीन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि सही जानकारी और त्वरित कार्रवाई की कितनी महत्वपूर्णता है।
- प्रस्तुतिकरण और व्यावहारिक अभ्यास: पी0पी0टी0 और वीडियो के माध्यम से सीपीआर की प्रक्रिया को दर्शाया गया, जिससे कर्मचारियों को व्यवहारिक अभ्यास का अवसर मिला।
- गुड समैरिटन लॉ: आपातकालीन परिस्थितियों में पीड़ितों की सहायता से संबंधित गुड समैरिटन लॉ और अन्य कानूनी प्रावधानों पर भी चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ0 पंकज एल0 जानी, और विशेष सचिव राज्यपाल प्रकाश गुप्ता समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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यह कार्यशाला न केवल जागरूकता बढ़ाने का एक मंच थी, बल्कि यह कर्मचारियों को आपातकालीन परिस्थितियों में सही तरीके से प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी था। सडन कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण हो सकती है, और इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी।
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