नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और आठ राज्यों को अस्थायी पुलिस प्रमुख (डीजीपी) की नियुक्ति के मामले में अवमानना नोटिस जारी किया है। यह कदम चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई में एक बेंच द्वारा उठाया गया है, जिसने इस मामले में सुनवाई की।
अस्थायी डीजीपी की नियुक्ति पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि विभिन्न राज्यों में अस्थायी डीजीपी की नियुक्ति नियमों के अनुसार नहीं की जा रही है। न्यायालय ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्रालय और UPSC के साथ-साथ झारखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, बिहार, राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकारों को नोटिस जारी किया है।
21 अक्टूबर तक मांगा जवाब
कोर्ट ने संबंधित पक्षों से 21 अक्टूबर तक अपना जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल कानून के पालन के संदर्भ में ही नहीं, बल्कि पुलिस सेवा के अनुशासन और कार्यकुशलता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि स्थायी और योग्य अधिकारियों को तैनात किया जा सके। अस्थायी नियुक्तियों से पुलिस प्रशासन में अस्थिरता और अनुशासनहीनता की समस्या उत्पन्न होती है, जो सार्वजनिक सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
यह नोटिस उन राज्यों के लिए एक चेतावनी है जो अस्थायी डीजीपी की नियुक्तियों को लेकर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यदि इन राज्यों और अधिकारियों ने समय पर जवाब नहीं दिया, तो सुप्रीम कोर्ट गंभीर परिणामों की चेतावनी दे सकता है। यह कदम न्यायपालिका की नीतियों को लागू करने और पुलिस प्रशासन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे अंततः आम जनता को बेहतर सुरक्षा और सेवा मिल सकेगी।