बहराइच। बहराइच में हाल ही में हुई राम गोपाल मिश्र की हत्या के तीन आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आरोपियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी करते हुए उन पर दंडात्मक कार्रवाई कर रही है। याचिका में आरोपियों ने कहा कि उनके घरों पर अवैध निर्माण का नोटिस जारी करना और बुलडोजर कार्रवाई करना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।
आरोपियों का दावा है कि जिन संपत्तियों पर नोटिस चिपकाए गए हैं, उनमें से कुछ की उम्र 10 साल से लेकर 70 साल तक है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्रवाई का मकसद केवल दिखावा करना है, और इसमें कोई वास्तविक कानूनी आधार नहीं है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह कार्रवाई उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए और बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घरों पर कार्रवाई की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया जाए और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए।
यह मामला बहराइच में हालिया हिंसा के संदर्भ में गंभीर मोड़ ले रहा है, जहां प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियों को लक्षित किया है। अब यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या निर्णय लेता है और क्या इस मामले में कोई राहत प्रदान करता है।