अमेठी: खेती में उर्वरक लागत कम करने और कृषि उत्पादन को उन्नत बनाने के लिए किसान अब नैनो उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं। शनिवार को आयोजित जिला उर्वरक समिति की बैठक में डीएम निशा अनंत ने उर्वरक विक्रेताओं को दानेदार उर्वरकों के साथ 25 प्रतिशत नैनो उर्वरकों की बिक्री के निर्देश दिए।
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बैठक में डीएम ने जनपद में उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दानेदार उर्वरकों के साथ 25% नैनो उर्वरक देने के लिए ग्राम, ब्लॉक, और तहसील स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, सहायक आयुक्त, और सहायक निबंधक सहकारिता को नैनो उर्वरकों के प्रचार-प्रसार के लिए निर्देशित किया गया।
नैनो उर्वरकों के उपयोग को आसान बनाने के लिए स्प्रेयर मशीन और ड्रोन जैसी तकनीकों के उपयोग की जानकारी भी दी गई। बैठक में इफको के क्षेत्राधिकारी शिशु पाल ने नैनो उर्वरकों के लाभों के बारे में जानकारी साझा की, जिसमें बताया गया कि ये दानेदार उर्वरकों के अच्छे विकल्प के रूप में कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा कि नैनो उर्वरक लगभग 50% दानेदार उर्वरक की बचत कर सकते हैं, जिससे किसानों की लागत कम होगी और उन्हें गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त होगी। उदाहरण के लिए, नैनो यूरिया (225 रुपये/500 ML) और नैनो डीएपी (600 रुपये/500 ML) की कीमतें पारंपरिक यूरिया (267 रुपये/बोरी) और डीएपी (1350 रुपये/बोरी) से सस्ती हैं, जिससे किसानों को सीधे बचत होगी।
इस प्रकार, नैनो उर्वरक का उपयोग करके किसान न केवल अपनी लागत को कम कर सकते हैं, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकते हैं।