मध्य प्रदेश में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन के मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर पर किए गए बयान ने विवाद पैदा कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे ध्वनि प्रदूषण हो रहा है।
इस बयान के बाद धार्मिक समूहों ने अधिकारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जबकि कांग्रेस ने अधिकारी के सवाल को उचित ठहराया है। मामला तब गरमा गया जब पिछले हफ्ते भोपाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक 13 साल के लड़के की मौत हो गई। लड़का डीजे की धुन पर नाचते हुए अचानक बेहोश हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। इस घटना ने लाउडस्पीकर के उपयोग पर बहस छेड़ दी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पत्रकार ने मस्जिदों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के उपयोग और डीजे के बढ़ते प्रचलन पर सवाल उठाते हुए कानून में असमानता की ओर इशारा किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, शैलबाला मार्टिन ने मंदिरों में लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे आवाज दूर-दूर तक जाती है, जो देर रात तक सुनाई देती है, और इसे अक्सर अनदेखा क्यों किया जाता है, यह एक बड़ा सवाल है।
इस विवाद ने धार्मिक और सामाजिक हलकों में चर्चा को तेज कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ध्वनि प्रदूषण और धार्मिक प्रथाओं के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
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