लखनऊ: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में जैव ऊर्जा क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के तहत 736 करोड़ रुपए के 21 निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय राज्य स्तरीय समिति की बैठक में लिया गया, जिसमें प्रमुख सचिव अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की अध्यक्षता में विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा की गई।
इन 21 परियोजनाओं में मुख्य रूप से कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी), बायो पैलेट और बायोडीजल के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना शामिल है। सीबीजी से जुड़ी 16 परियोजनाओं को 722.68 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है, जबकि बायोडीजल के लिए 9.22 करोड़ की 2 परियोजनाएं और बायोकोल के लिए 4.90 करोड़ की 3 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
जैव ऊर्जा की दिशा में ठोस कदम
यूपीनेडा को अब तक लगभग 7 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से लगभग 57 हजार करोड़ रुपए जैव ऊर्जा नीति 2022 के तहत बायो ऊर्जा क्षेत्र के हैं। इस नीति के अंतर्गत, कंप्रेस्ड बायोगैस, बायोडीजल और बायोकोल के लिए 198 प्रस्तावों को सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है।
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सीबीजी उत्पादन में उत्तर प्रदेश की उपलब्धि
उत्तर प्रदेश देश में सीबीजी उत्पादन में पहले स्थान पर है, जिसकी प्रतिदिन 210 टन उत्पादन क्षमता है। इन 21 परियोजनाओं के माध्यम से प्रतिदिन 110 टन सीबीजी, 92 टन बायो पैलेट और 100 किलो लीटर बायोडीजल का उत्पादन होगा।
भूमि और बायोमास की उपलब्धता सुनिश्चित
समिति की बैठक में यह भी बताया गया कि निवेशकर्ताओं ने प्लांट के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए आवश्यक भूमि और पर्याप्त बायोमास की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली है। इसके अलावा, वित्तीय सहायता के लिए विभिन्न बैंकों से अनुमोदन भी प्राप्त कर लिया गया है। उत्पादित वस्तुओं के विक्रय के लिए अनुबंध भी विभिन्न संस्थाओं के साथ किए गए हैं।
इस प्रकार, योगी सरकार की यह पहल न केवल जैव ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगी, बल्कि इससे क्षेत्र के किसानों और स्थानीय निवासियों को रोजगार और आय में भी वृद्धि होगी।