“लखनऊ में यूपीएसएसएससी अभ्यर्थियों ने पिकअप भवन का घेराव कर परीक्षा तिथि और लंबित परिणामों को जारी करने की मांग की। जानें कैसे अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया को तेज करने के लिए सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।“
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को UPSSSC (उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) के उम्मीदवारों ने पिकअप भवन के बाहर इकट्ठा होकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि आयोग परीक्षा कैलेंडर जारी करे और पिछले कई वर्षों से लंबित परिणामों की घोषणा करे। अभ्यर्थियों का कहना था कि सरकार द्वारा किए गए दावों के बावजूद, भर्ती प्रक्रिया में कोई स्पष्टता या तेजी नहीं आई है, जिससे युवाओं को भविष्य की चिंता सताने लगी है।
प्रदर्शनकारियों की मांग:
अभ्यर्थियों ने शिकायत की कि 2016 से अब तक आयोजित कई परीक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं। इससे युवाओं में निराशा बढ़ रही है और वे ओवर एज हो रहे हैं। उनके अनुसार, ग्राम पंचायत अधिकारी, एक्स-रे टेक्नीशियन, कनिष्ठ सहायक, प्रवर्तन कांस्टेबल, लेखा परीक्षक एवं सहायक लेखा, वनरक्षक एवं वन्य जीव रक्षक जैसी विभिन्न पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया ठप पड़ी है। ऐसे में अभ्यर्थी अब मजबूर होकर सड़कों पर उतरकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प:
प्रदर्शनकारी जैसे ही पिकअप भवन के बाहर धरने पर बैठने लगे, पुलिस ने उन्हें हटने के लिए कहा। इसके जवाब में अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई। जब पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया, तो हल्की धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रदर्शनकारियों को बस में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया।
अभ्यर्थियों की पीड़ा:
अभ्यर्थियों का कहना था कि सरकार ने हर भर्ती को 6 महीने के अंदर पूरा करने का वादा किया था, लेकिन इसके विपरीत स्थिति यह है कि कुछ परीक्षाओं के परिणाम 5-6 सालों से रुके हुए हैं। इस देरी से अभ्यर्थियों को काफी मानसिक और आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनके अनुसार, प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार तो हो चुके हैं, लेकिन अंतिम परिणाम जारी नहीं किए गए हैं, जिससे वे नौकरी पाने की उम्मीद खोने लगे हैं।
अभ्यर्थियों का महा आंदोलन की चेतावनी:
प्रदर्शनकारी शुभम सिंह ने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो हम महा आंदोलन करेंगे। हमारी माँग है कि सभी लंबित भर्तियों का कैलेंडर जल्द से जल्द जारी किया जाए और 9 महीने के अंदर पूरी प्रक्रिया संपन्न हो। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लंबे समय से न्याय की मांग कर रहे हैं और पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है। उनका विश्वास है कि अहिंसात्मक तरीके से किया गया संघर्ष हमेशा सफल होता है और वे इसी मार्ग पर चलेंगे।
अन्य माँगें:
अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि 2020 से अब तक की परीक्षा कैलेंडर जारी किया जाए और 2016 से लेकर अब तक हुई परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए जाएं। उनका यह भी कहना है कि आयोग नई भर्तियों की प्रक्रिया जल्द से जल्द प्रारंभ करे ताकि नए आवेदकों को मौका मिले और राज्य में बेरोजगारी की दर कम हो सके।