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यूपी उपचुनाव 2024 में बीजेपी और सपा ने झोंकी ताकत

यूपी उपचुनाव 2024 में बीजेपी और सपा ने झोंकी ताकत, मीरापुर में सबसे ज्यादा नामांकन

“यूपी उपचुनाव 2024: भाजपा और सपा की ताकत, मीरापुर में सबसे ज्यादा नामांकन। 9 सीटों के उपचुनाव में 149 उम्मीदवार मैदान में। जानें सभी सीटों पर उम्मीदवारों और सीटवार स्थिति।”

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस बार विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। अंतिम दिन कुल 78 उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए, जिससे अब कुल नामांकन संख्या 149 हो गई है। इन उपचुनावों में भाजपा (BJP) और समाजवादी पार्टी (सपा) सहित कई प्रमुख दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होते ही इन सीटों पर चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है, और विभिन्न जातीय समीकरण तथा स्थानीय मुद्दे चुनावी परिणामों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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उपचुनाव में नामांकन का विस्तृत विवरण और सीटवार स्थिति

1. मीरापुर (मुजफ्फरनगर)

मीरापुर सीट पर सबसे ज्यादा 34 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। यहां भाजपा, सपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के अलावा कई निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। इस सीट पर जातीय समीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे चुनावी मुकाबला कड़ा हो सकता है।

2. खैर (अलीगढ़)

खैर सीट पर सबसे कम, केवल 6 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। यह भाजपा का गढ़ माना जाता है, और पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार भी भाजपा का मजबूत प्रभाव देखने को मिल सकता है।

3. कुंदरकी (मुरादाबाद)

मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर 19 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं। यहां मुस्लिम बाहुल्य वोटर होने के कारण सपा और भाजपा के बीच सीधी टक्कर की संभावना है।

4. गाजियाबाद

गाजियाबाद की सीट पर 19 प्रत्याशी मैदान में हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सटे होने के कारण यहां भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है।

5. करहल (मैनपुरी)

मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट पर 10 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। सपा का यह गढ़ माना जाता है और यहां से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी प्रभाव है।

6. सीसामऊ (कानपुर)

कानपुर की इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। यह सीट मुस्लिम और ओबीसी मतदाताओं के लिए अहम है, और सपा-भाजपा के बीच कड़ी टक्कर की संभावना है।

7. फूलपुर (प्रयागराज)

ऐतिहासिक फूलपुर सीट पर इस बार 19 प्रत्याशी मैदान में हैं। फूलपुर का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यहां से भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू चुनाव जीत चुके हैं। भाजपा और सपा के बीच यहां कड़ा मुकाबला होगा।

8. कटेहरी (अंबेडकरनगर)

कटेहरी सीट पर 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस दलित बहुल क्षेत्र में बसपा भी मजबूत दावेदार है और भाजपा व सपा के बीच मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।

9. मझवां (मिर्जापुर)

मिर्जापुर की मझवां सीट पर 17 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है। यहां पर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं का बड़ा प्रभाव है और भाजपा, सपा, बसपा तीनों ही पार्टियां सक्रिय हैं।

उपचुनाव का राजनीतिक महत्व और प्रमुख मुद्दे

इन उपचुनावों का परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों की दिशा भी तय कर सकता है। भाजपा और सपा दोनों ही पार्टी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए बड़ी रणनीति बना रही हैं। प्रमुख मुद्दों में बेरोजगारी, महंगाई, बिजली संकट और कानून व्यवस्था शामिल हैं, जो कि मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं।

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